मास्टर निदेशों

मास्टर निदेश - भारतीय रिज़र्व बैंक (गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी-स्केल आधारित विनियमन) निदेश, 2023 (10 अक्तूबर 2024 को अद्यतन किया गया)

आरबीआई/गैबैविवि/2023-24/106
विवि.एफआईएन.आरईसी.सं.45/03.10.119/2023-24

अक्तूबर 19, 2023
(10 अक्तूबर 2024 को अद्यतन किया गया)
(21 मार्च 2024 को अद्यतन किया गया)
(10 नवंबर 2023 को अद्यतन किया गया)

मास्टर निदेश - भारतीय रिज़र्व बैंक (गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी-स्केल आधारित विनियमन) निदेश, 2023

भारतीय रिज़र्व बैंक, जन हित में इसे आवश्यक मानते हुए तथा इस बात से संतुष्ट होकर कि वित्तीय प्रणाली को देश के हित में विनियमित करने हेतु रिज़र्व बैंक को समर्थ बनाने और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी का कारोबार इस तरह से होने से रोकने के लिए जो निवेशकों और जमाकर्ताओं के हित में न हो या ऐसी गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी के हित में न हो, के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम 1934 (1934 का 2) की धारा 45 जेए, 45के, 45एल और 45एम और और फ़ैक्टरिंग विनियमन अधिनियम 2011 (अधिनियम 2012 का 12) की धारा 31ए और धारा 6 के साथ पठित धारा 3 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए सभी गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी को गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी - प्रणालीगत रूप से गैर-महत्वपूर्ण जमाराशि स्वीकार नहीं करने वाली कंपनी (रिज़र्व बैंक) निदेश, 2016 और मास्टर निदेश - गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी - प्रणालीगत रूप से महत्वपूर्ण जमाराशि स्वीकार नहीं करने वाली और जमाराशि स्वीकार करने वाली कंपनी (रिज़र्व बैंक) निदेश, 2016 के निरसन के पश्चात मास्टर निदेश- भारतीय रिज़र्व बैंक (गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी-स्केल आधारित विनियमन) निदेश, 2023 (निदेश), इसके बाद निर्दिष्ट किया गया है, जारी करता है।

(जे. पी. शर्मा)
मुख्य महाप्रबंधक

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