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बैंकिंग प्रणाली का विनियामक

बैंक राष्‍ट्रीय वित्‍तीय प्रणाली की नींव होते हैं। बैंकिंग प्रणाली की सुरक्षा एवं सुदृढता को सुनिश्चित करने और वित्‍तीय स्थिरता को बनाए रखने तथा इस प्रणाली के प्रति जनता में विश्‍वास जगाने में केंद्रीय बैंक महत्‍वपूर्ण भूमिका अदा करता है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न


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मास्टर निदेश पर केवाईसी संबंधी अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

दिनांक 25 फरवरी 2016 के मास्टर निदेश पर केवाईसी संबंधी अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

(9 जून 2025)

प्रश्न 1. अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी) क्या है?

उत्तर. केवाईसी एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके द्वारा एक विनियमित संस्था (आरई), जिसमें बैंक भी शामिल है, ग्राहक की पहचान और पता, व्यवसाय की प्रकृति और वित्तीय स्थिति के बारे में जानकारी प्राप्त करती हैं और उसका सत्यापन करती है। यह प्रक्रिया यह सुनिश्चित करने में मदद करती है कि एक विनियमित संस्था को उस ग्राहक के बारे में पता हो जिसके साथ वह व्यवहार कर रही है और विनियमित संस्था द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवाओं का दुरुपयोग काले धन को वैध बनाना/आतंकवादी वित्तपोषण/प्रसार वित्तपोषण (एमएल/टीएफ/पीएफ) उद्देश्यों के लिए नहीं किया जाता हो।

प्रश्न 2. क्या केवाईसी अनिवार्य है? एक विनियमित संस्था को केवाईसी कब करना आवश्यक है?

उत्तर. हाँ, केवाईसी अनिवार्य रूप से किया जाना है:

(ए) खाता-आधारित संबंध की शुरुआत करते समय अर्थात विनियमित संस्था के साथ किसी भी प्रकार का खाता खोलते समय; अथवा

(बी) जब कोई वॉक इन ग्राहक 50,000 के बराबर अथवा उससे अधिक राशि का कभी-कभार लेन-देन करता है (चाहे वह एकल लेन-देन हो अथवा कई लेन-देन जो आपस में जुड़े हुए प्रतीत होते हों); अथवा

(सी) जब कोई वॉक इन ग्राहक कोई अंतरराष्ट्रीय राशि अंतरण करता है; अथवा

(डी) जब आरई को प्राप्त ग्राहक पहचान डेटा की प्रामाणिकता अथवा पर्याप्तता के बारे में संदेह हो; अथवा

(ई) जब आरई एक एजेंट के रूप में अपने स्वयं के उत्पाद अथवा अन्‍य पक्ष के उत्पाद बेचता है; अथवा क्रेडिट कार्ड के बकाया का भुगतान, प्रीपेड/ ट्रेवल कार्ड की बिक्री और उसे री-लोड करने और किसी अन्य उत्पाद का 50,000 से अधिक का भुगतान करता है।

प्रश्न 3. वाक-इन ग्राहक कौन है?

उत्तर. "वाक-इन ग्राहक" का अर्थ ऐसे व्यक्ति से है जिसका आरई के साथ खाता-आधारित संबंध नहीं है, लेकिन वह आरई के साथ लेन-देन करता है।

प्रश्न 4. क्या ग्राहक को उसी आरई के साथ खोले गए प्रत्येक खाते के लिए केवाईसी दस्तावेज़ प्रस्तुत करने होंगे?

उत्तर. नहीं, यदि किसी आरई का कोई मौजूदा केवाईसी अनुपालक ग्राहक उसी आरई में दूसरा खाता खोलना चाहता है अथवा कोई अन्य उत्पाद/सेवा प्राप्त करना चाहता है, तो उसे कोई केवाईसी दस्तावेज़ जमा करने की आवश्यकता नहीं है, जब तक कि उसकी पहचान और/अथवा पते से संबंधित जानकारी में कोई बदलाव न हो।

प्रश्न 5. किसी व्यक्ति द्वारा बैंक खाता खोलने के लिए कौन से दस्तावेज़ आवश्यक हैं?

उत्तर. किसी व्यक्ति द्वारा खाता खोलने के लिए निम्नलिखित दस्तावेज़ आवश्यक हैं:

(ए) निम्नलिखित आधिकारिक रूप से मान्य दस्तावेज़ों (ओवीडी) में से कोई एक अथवा उसके समतुल्य ई-दस्तावेज़, जिसमें उसके नाम और पते का विवरण हो, जैसे:

  • पासपोर्ट,

  • ड्राइविंग लाइसेंस,

  • आधार संख्या होने का प्रमाण,

  • भारत के निर्वाचन आयोग द्वारा जारी मतदाता पहचान पत्र,

  • राज्य सरकार के किसी अधिकारी द्वारा विधिवत हस्ताक्षरित नरेगा के अंतर्गत जारी जॉब कार्ड, और

  • राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) द्वारा जारी पत्र।

(बी) स्थायी खाता संख्या (पैन) अथवा उसके समतुल्य ई-दस्तावेज अथवा आयकर नियम, 1962 में परिभाषित फॉर्म संख्या 60; और

(सी) ग्राहक के व्यवसाय की प्रकृति और वित्तीय स्थिति के संबंध में अन्य दस्तावेज अ‍थवा उसके समतुल्य ई-दस्तावेज, जैसा कि आरई द्वारा अपेक्षित हो।

प्रश्न 6. 'लघु खाता' क्या है?

उत्तर. यदि किसी ग्राहक के पास ओवीडी नहीं है, तब भी वह बैंक में 'लघु खाता' खोल सकता है। इस प्रयोजन के लिए, बैंक ग्राहक से एक स्व-सत्यापित फोटोग्राफ प्राप्त करेगा और बैंक का नामित अधिकारी अपने हस्ताक्षर से प्रमाणित करेगा कि खाता खोलने वाले व्यक्ति ने उसकी उपस्थिति में अपने हस्ताक्षर अथवा अंगूठे का निशान लगाया है। लघु खाता प्रारंभ में बारह महीने की अवधि के लिए चालू रहेगा और यह केवाईसी पर मास्टर निदेश के पैरा 23 के तहत दी गई शर्तों के अधीन है।

प्रश्न 7. पते के प्रमाण के लिए मान्य ओवीडी किसे माना जाएगा?

उत्तर. यदि ग्राहक द्वारा आरई को प्रस्तुत ओवीडी में वर्तमान पता नहीं है तो वह निम्नलिखित में से कोई एक दस्तावेज़ अथवा उसके समतुल्य ई-दस्तावेज प्रस्तुत कर सकता है। यह दस्तावेज़ पते के प्रमाण के सीमित उद्देश्य के लिए ओवीडी माने जाते हैं:

(ए) किसी भी सेवा प्रदाता का यूटिलिटी बिल (बिजली, टेलीफोन, पोस्टपेड मोबाइल फोन, पाइप गैस, पानी बिल) जो दो महीने से अधिक पुराना न हो

(बी) संपत्ति अथवा नगरपालिका की कर रसीद;

(सी) पेंशन या परिवार पेंशन भुगतान आदेश (पीपीओ) जो सरकारी विभागों या सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों द्वारा सेवानिवृत्त कर्मचारियों को जारी किए जाते हैं, यदि उसमें पता दिया गया है;

(डी) राज्य सरकार अथवा केंद्र सरकार के विभागों, सांविधिक अथवा विनियामक निकायों, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों, अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों, वित्तीय संस्थानों और सूचीबद्ध कंपनियों द्वारा जारी किए गए नियोक्ता से आवास के आवंटन का पत्र और ऐसे नियोक्ताओं को आधिकारिक आवास आवंटित करने के साथ अनुमति और अनुज्ञप्ति करार;

तथापि, ग्राहक उपरोक्त दस्तावेज जमा करने के तीन महीने में वर्तमान पते का आधिकारिक रूप से मान्‍य दस्तावेज़ (ओवीडी) जमा करेगा।

प्रश्न 8. मान लीजिए यदि कोई ग्राहक चेन्नै में रह रहा है, लेकिन उसके ओवीडी में नई दिल्ली का पता है, तो क्या वह चेन्नै में खाता खोल सकता है?

उत्तर. हाँ, ग्राहक, पते के प्रमाण के लिए मान्य ओवीडी जमा कर आरई में खाता खोल सकता है। तथापि, उपरोक्त प्रश्न 7 के उत्तर के अनुसार ग्राहक को तीन महीने में वर्तमान पते का ओवीडी प्रस्तुत करना आवश्यक है।

प्रश्न 9. यदि नाम में परिवर्तन हुआ है और ओवीडी में नया नाम शामिल नहीं है, तो कोई खाता कैसे खोल सकता है?

उत्तर. ऐसे मामले में, खाता खोलने के लिए पूर्ववर्ती नाम का एक ओवीडी के साथ राजपत्र अधिसूचना की एक प्रति, अथवा राज्य सरकार द्वारा जारी विवाह प्रमाण पत्र, जैसा भी लागू हो, नाम में परिवर्तन का उल्लेख करते हुए प्रस्तुत किया जा सकता है।

प्रश्न 10. क्या केवाईसी के लिए आधार संख्या अनिवार्य है

उत्तर. नहीं। तथापि, यदि ग्राहक आधार (वित्तीय और अन्य सहायिकियों, प्रसुविधाओं और सेवाओं का लक्ष्यित परिदान) अधिनियम, 2016 (2016 का 18) की धारा 7 के तहत अधिसूचित किसी भी योजना का कोई लाभ अथवा सब्सिडी प्राप्त करना चाहता है, तो ग्राहक को आधार संख्या प्रदान करनी होगी। ग्राहक अन्य मामलों में, आधार संख्या स्वेच्छा से प्रदान कर सकता है।

प्रश्न 11. जब कोई ग्राहक अपना मौजूदा खाता आरई की किसी एक शाखा/कार्यालय से दूसरी शाखा/कार्यालय में स्थानांतरित करता है तो क्या नए सिरे से केवाईसी की आवश्यकता है?

उत्तर. आरई की किसी शाखा/कार्यालय द्वारा एक बार किया गया केवाईसी सत्यापन, उसी आरई की किसी अन्य शाखा/कार्यालय में खाते के स्थानांतरण के लिए मान्य होगा, बशर्ते कि संबंधित खाते का पूर्ण केवाईसी सत्यापन किया गया हो और उसमें आवधिक अद्यतनीकरण की आवश्यकता न हो।

प्रश्न 12. क्या संयुक्त खाते के सभी खाताधारकों का केवाईसी करना आवश्यक है?

उत्तर. हाँ, उपरोक्त प्रश्न 5 के उत्तर में उल्लिखित दस्तावेज संयुक्त खाते के सभी खाताधारकों द्वारा आरई को प्रस्तुत किए जाएंगे।

प्रश्न 13. आरई द्वारा व्यक्तिगत ग्राहकों को ऑनबोर्ड करने के विभिन्न तरीके क्या हैं?

उत्तर. ग्राहक को ऑनबोर्ड करने के लिए आरई के पास निम्नलिखित विकल्प हैं:

(ए) प्रत्यक्ष ऑनबोर्डिंग:

  • आरई की शाखा/कार्यालय में जाएं;

  • ई-केवाईसी प्रमाणीकरण (ओटीपी के साथ-साथ बायोमेट्रिक आधारित प्रमाणीकरण) का उपयोग करना; आधार संख्या के प्रमाण का ऑफलाइन सत्यापन करना; ओवीडी अथवा समतुल्य ई-दस्तावेज़ की प्रमाणित प्रति प्राप्त करना; केवाईसी पर एमडी के पैरा 16 के अनुसार 'डिजिटल केवाईसी प्रक्रिया' करना।

  • निर्धारित मानकों और प्रक्रियाओं का अनुपालन करने वाली वीडियो आधारित ग्राहक पहचान प्रक्रिया (वी-सीआईपी)।

(बी) अप्रत्यक्ष ऑनबोर्डिंग:

  • आधार ओटीपी आधारित ई-केवाईसी अधिप्रमाणन का प्रयोग करना;

  • सीकेवाईसीआर, डिजिलॉकर, समतुल्य ई-दस्तावेज आदि जैसे डिजिटल चैनलों का उपयोग करना और गैर-डिजिटल प्रणाली जैसे एनआरआई और पीआईओ के लिए अनुमत अतिरिक्त प्रमाणन अधिकारियों द्वारा प्रमाणित ओवीडी की प्रति प्राप्त करना।

प्रश्न 14. केवाईसी पहचानकर्ता क्या है? यह ग्राहक के लिए कैसे उपयोगी है?

उत्तर. केवाईसी पहचानकर्ता का अर्थ है केंद्रीय केवाईसी रिकॉर्ड रजिस्ट्री (सीकेवाईसीआर) द्वारा आरई के ग्राहक को सौंपा गया एकमात्र नंबर अथवा कोड। यदि ग्राहक खाता खोलने के लिए आरई से संपर्क करता है, तो वह अपना केवाईसी पहचानकर्ता प्रदान कर सकता है और आरई को सीकेवाईसी से वैध केवाईसी डेटा डाउनलोड करने की सहमति दे सकता है। इससे ग्राहक को दूसरे आरई के साथ खाता खोलते समय फिर से केवाईसी दस्तावेज जमा करने की आवश्यकता नहीं होगी।

प्रश्न 15. क्या किसी अन्य उद्देश्य के लिए केवाईसी पहचानकर्ता का उपयोग किया जा सकता है?

उत्तर. खाता-आधारित संबंध स्थापित करने के उद्देश्य से अतिरिक्त, केवाईसी पहचानकर्ता का उपयोग केवाईसी के अद्यतन/आवधिक अद्यतन अथवा ग्राहक की पहचान सत्यापन के लिए किया जा सकता है। इस संबंध में आगामी विवरण केवाईसी पर मास्टर निदेश के पैराग्राफ 56(जे) में दिया गया है।

प्रश्न 16. क्या केवाईसी पहचानकर्ता का उपयोग करके खाता खोलने के लिए ग्राहकों की सहमति आवश्यक है?

उत्तर. हां, प्रश्न 14 और 15 के उत्तर में उल्लिखित उद्देश्यों के लिए सीकेवाईसीआर से केवाईसी रिकॉर्ड डाउनलोड करने के लिए ग्राहक के केवाईसी पहचानकर्ता का उपयोग करने के लिए आरई को ग्राहक की स्पष्ट सहमति प्राप्त करना आवश्यक है।

प्रश्न 17. सीकेवाईसीआर द्वारा जारी ग्राहक अपना केवाईसी पहचानकर्ता कैसे प्राप्त कर सकता है?

उत्तर. ग्राहक अपना केवाईसी पहचानकर्ता निम्नलिखित तरीकों से प्राप्त कर सकता है:

(ए) खाता खोलने की प्रक्रिया में जब ग्राहक का केवाईसी पहचानकर्ता सीकेवाईसीआर द्वारा तैयार किया जाता है और आरई को प्रदान कर दिया जाता है, तो आरई को उसे संबंधित ग्राहक के साथ साझा करना होगा।

(बी) ग्राहक सीकेवाईसीआर पोर्टल (www.ckycindia.in) पर भी अपने केवाईसी पहचानकर्ता को प्राप्त कर सकते हैं।

प्रश्न 18. खाता खोलने के लिए केवाईसी पहचानकर्ता का उपयोग करना आसान है। क्या विनियमित संस्थाओं द्वारा इसके उपयोग को बेहतर बनाने के लिए कोई उपाय किए गए हैं?

उत्तर. खाता खोलने के प्रयोजन के लिए, आरई ग्राहक से केवाईसी पहचानकर्ता माँगेगा अथवा यदि उपलब्ध हो तो सीकेवाईसीआर से उसे प्राप्त करेगा और ऐसे केवाईसी पहचानकर्ता का उपयोग करके केवाईसी रिकॉर्ड प्राप्त करना होगा। ऐसे मामलों में ग्राहक को यह केवाईसी रिकॉर्ड/ सूचना/ कोई अन्य अतिरिक्त पहचान दस्तावेज प्रस्तुत करने की आवश्यकता नहीं है, जब तक कि –

(ए) सीकेवाईसीआर के रिकार्ड में मौजूद ग्राहक की जानकारी में कोई परिवर्तन हुआ है; अथवा

(बी) केवाईसी रिकॉर्ड अथवा प्राप्त की गई जानकारी अधूरी है अथवा वर्तमान लागू केवाईसी मानदंडों के अनुसार नहीं है; अथवा

(सी) डाउनलोड किए गए दस्तावेज़ों की वैधता अवधि समाप्त हो गई है; अथवा

(डी) आरई ग्राहक की पहचान अथवा पता (वर्तमान पता सहित) को सत्यापित करने अथवा संवर्धित समुचित सावधानी अथवा ग्राहक की उचित जोखिम प्रोफ़ाइल बनाने के लिए इसे आवश्यक समझता है।

प्रश्न 19. वीडियो-आधारित ग्राहक पहचान प्रक्रिया (वी-सीआईपी) क्या है?

उत्तर. वी-सीआईपी चेहरे की पहचान और ग्राहक की उचित तत्परता के साथ ग्राहक पहचान की एक वैकल्पिक विधि है जो आरई को एक अधिकृत आरई अधिकारी और ग्राहक के बीच डिजिटल, सुरक्षित, लाइव, सूचित और सहमति-आधारित और लाइव ऑडियो-विजुअल बातचीत के माध्यम से ग्राहक की पहचान की जानकारी प्राप्त और सत्यापित करने की अनुमति देती है ताकि सीडीडी उद्देश्य के लिए आवश्यक पहचान जानकारी प्राप्त की जा सके। वी-सीआईपी से आरई की शाखा में प्रत्यक्ष जाने की आवश्यकता समाप्त हो जाती है लेकिन इसे आमने-सामने की सीआईपी के समान ही माना जाता है। सहयोगी वी-सीआईपी की भी अनुमति है, जब बैंक ग्राहक के स्तर पर ही प्रक्रिया को सुगम बनाने के लिए कारोबार प्रतिनिधि (बीसी) की मदद लेते हैं।

प्रश्न 20. क्या वी-सीआईपी पूरा करने के लिए पलकें झपकाना अथवा चेहरे पर विशिष्ट हाव-भाव बनाना अनिवार्य है?

उत्तर: नहीं, चेहरे पर विशिष्ट हाव-भाव जैसे पलकें झपकाना, मुस्कुराना, भौंहें चढ़ाना आदि जीवंतता (लाइवनेस) जांच के लिए अनिवार्य नहीं हैं। आरई को जीवंतता जांच के दौरान ग्राहक की विशेष आवश्यकता, यदि कोई हो, का उचित संज्ञान लेना आवश्यक है।

प्रश्न 21. वह कौन से उद्देश्य हैं जिनके लिए आरई द्वारा वी-सीआईपी का उपयोग किया जा सकता है?

उत्तर. वी-सीआईपी का उपयोग निम्नलिखित प्रक्रियाओं को पूरा करने के लिए किया जा सकता है:

(ए) नए व्यक्तिगत ग्राहक को शामिल करने, स्वामित्व फर्म के मामले में स्वामी, वैध इकाई ग्राहकों के मामले में अधिकृत हस्ताक्षरकर्ता और लाभकारी स्वामी के मामले में सीडीडी का कार्य करना;

(बी) आधार ओटीपी आधारित ई-केवाईसी अधिप्रमाणन का उपयोग करके अप्रत्यक्ष मोड में खोले गए मौजूदा खाते को परिवर्तित करने के लिए; और

(सी) पात्र ग्राहकों के केवाईसी रिकॉर्ड के अद्यतन/आवधिक अद्यतन के लिए।

प्रश्न 22. ग्राहक से केवाईसी दस्तावेज आरई द्वारा समय-समय पर क्यों मांगे जाते हैं, जबकि ग्राहक ने खाता खोलने के दौरान ही उसे जमा कर दिया है?

उत्तर. आरई को ग्राहकों के केवाईसी रिकॉर्ड को चालू समुचित सावधानी प्रक्रिया के भाग के रूप में अद्यतन करना आवश्यक है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सीडीडी के अंतर्गत एकत्रित जानकारी अथवा डेटा अद्यतन और सुसंगत रखा जाए। ऐसे अद्यतनीकरण की आवधिकता, आरई द्वारा ग्राहक के जोखिम वर्गीकरण पर निर्भर करती है और केवाईसी रिकार्डों का ऐसा आवधिक अद्यतनीकरण (जिसे कभी-कभी पुनः केवाईसी कहा जाता है) उच्च जोखिम वाले ग्राहकों के लिए कम से कम प्रत्येक दो वर्ष में एक बार, मध्यम जोखिम वाले ग्राहकों के लिए आठ वर्ष में एक बार तथा निम्न जोखिम वाले ग्राहकों के लिए दस वर्ष में एक बार किया जाएगा। तथापि, आरई अपनी आंतरिक केवाईसी नीति के अनुसार कोई भी अतिरिक्त और असाधारण उपाय अपना सकता है, जिसमें अन्य बातों के साथ-साथ ग्राहक की भौतिक उपस्थिति, केवाईसी का आवधिक अद्यतनीकरण आरई की उस शाखा में जहां खाता रखा जाता है, न्यूनतम विनिर्दिष्ट आवधिकता की तुलना में केवाईसी अद्यतन की अधिक लगातार आवधिकता, आदि की आवश्यकता हो सकती है।

प्रश्न 23. ग्राहक के जोखिम वर्गीकरण के लिए आरई द्वारा उपयोग किए जाने वाले पैरामीटर क्या हैं?

उत्तर. ग्राहक के जोखिम वर्गीकरण के लिए निर्धारित व्यापक संकेतक पैरामीटर ग्राहक की पहचान, सामाजिक/वित्तीय स्थिति, व्यावसायिक कार्यकलाप की प्रकृति, ग्राहक के व्यवसाय और उसके स्थान के बारे में जानकारी, ग्राहक के साथ-साथ लेनदेन को कवर करने वाला भौगोलिक जोखिम, दिये जाने वाले उत्पादों/ सेवाओं का प्रकार, उत्पादों/सेवाओं की डिलीवरी के लिए उपयोग किया जाने वाला डिलीवरी चैनल, किए गए लेनदेन के प्रकार - नकद, चेक/मौद्रिक उपकरण, वायर ट्रांसफर, विदेशी मुद्रा लेनदेन, आदि है। ग्राहक की पहचान पर विचार करते समय, जारीकर्ता प्राधिकारियों द्वारा ऑनलाइन या अन्य सेवाओं के माध्यम से पहचान दस्तावेजों की पुष्टि करने की क्षमता को भी ध्यान में रखा जा सकता है। जोखिम श्रेणी और उसके कारणों को आरई द्वारा ग्राहकों को प्रकट करना आवश्यक नहीं है।

प्रश्न 24. *वैयक्तिक ग्राहकों के लिए केवाईसी के आवधिक अद्यतन के तरीके क्या हैं?

उत्तर. व्यक्तियों के लिए केवाईसी के आवधिक अद्यतन के तरीके निम्नानुसार हैं:

(ए) यह कार्य उस आरई की शाखा में किया जा सकता है जिसमें ग्राहक का खाता है, या उसी आरई की किसी अन्य शाखा में किया जा सकता है; या

(बी) आरई अपने साथ पंजीकृत ग्राहक के ईमेल-आईडी / मोबाइल नंबर, एटीएम, डिजिटल चैनल (जैसे ऑनलाइन बैंकिंग / इंटरनेट बैंकिंग, आरई का मोबाइल एप्लिकेशन), पत्र, आदि के माध्यम से स्व-घोषणा तब प्राप्त कर सकता है जब "केवाईसी जानकारी में कोई परिवर्तन नहीं है" हो और तब भी जब "केवल पते के विवरण में परिवर्तन है" हो। तथापि, घोषित पते को आरई द्वारा दो महीने के भीतर सकारात्मक पुष्टि के माध्यम से सत्यापित किया जाएगा; या

(सी) आधार ओटीपी आधारित नॉन-फेस-टू-फेस (अप्रत्यक्ष) मोड मे ई-केवाईसी और वी-सीआईपी;

(डी) आरई के पास ग्राहक के केवाईसी रिकॉर्ड को, संबंधित ग्राहक हेतु सीकेवाईसीआर से प्राप्त अद्यतन जानकारी/अधिसूचना, यदि कोई हो, के आधार पर अद्यतन करने का भी अधिकार है।

प्रश्न 25. केवाईसी के आवधिक अद्यतन के लिए कौन से दस्तावेज़ आवश्यक हैं?

उत्तर. केवाईसी दस्तावेजों की अपेक्षा केवाईसी के आवधिक अद्यतनीकरण के लिए उपयोग किए जाने वाले तरीकों पर निर्भर करती है, जैसा कि ऊपर प्रश्न 24 के उत्तर में विस्तृत रूप से उल्लेख किया गया है।

(ए) केवाईसी जानकारी में परिवर्तन के मामले में, ग्राहक को उपर्युक्त प्रश्न 5 के उत्तर में उल्लिखित दस्तावेज उपलब्ध कराने होंगे।

(बी) केवाईसी जानकारी में कोई परिवर्तन न होने की स्थिति में, ग्राहक स्व-घोषणा प्रस्तुत कर सकता है। इसी प्रकार, केवल पते में परिवर्तन होने की स्थिति में भी ग्राहक द्वारा आरई को स्व-घोषणा प्रस्तुत की जा सकती है, जैसा कि ऊपर प्रश्न 24 के उत्तर में विस्तृत रूप से उल्लेख किया गया है।

(सी) नॉन-फेस-टू-फेस मोड में आधार ओटीपी-आधारित ई-केवाईसी प्रमाणीकरण सुविधा के मामले में, ग्राहक वर्तमान पते की घोषणा प्रदान कर सकता है, भले ही वर्तमान पता आधार डेटाबेस में पते से अलग हो। तथापि, आरई को यह सुनिश्चित करना होगा कि आधार प्रमाणीकरण के लिए मोबाइल नंबर वही हो जो ग्राहक की प्रोफाइल में उपलब्ध है, ताकि किसी भी धोखाधड़ी को रोका जा सके।

(डी) री-केवाईसी पूरा करने के लिए वी-सीआईपी के उपयोग के मामले में, अपेक्षाएं केवाईसी पर मास्टर निदेश के पैराग्राफ 18 के अनुसार होंगी, जिसमें (i) नॉन-फेस-टू-फेस मोड में आधार ओटीपी आधारित ई-केवाईसी प्रमाणीकरण; (ii) आधार का ऑफ़लाइन सत्यापन; (iii) सीकेवाईसीआर से डाउनलोड किए गए केवाईसी रिकॉर्ड; और (iv) डिजीलॉकर के माध्यम से जारी किए गए दस्तावेजों सहित समतुल्य ई-दस्तावेज का उपयोग करके पहचान और सत्यापन शामिल है।

प्रश्न 26. क्या ग्राहक केवाईसी दस्तावेज प्रस्तुत करने के बाद केवाईसी के आवधिक अद्यतनीकरण के लिए आरई से पावती प्राप्त कर सकता है?

उत्तर. हां, जब कोई ग्राहक अपनी अद्यतन केवाईसी जानकारी या स्व-घोषणा आरई को प्रस्तुत करता है, तो उसे ग्राहक को इस आशय की पावती देनी होगी। केवाईसी जानकारी अद्यतन करने के बाद, आरई को ग्राहकों को इस अद्यतनीकरण के बारे में भी सूचित करना होगा।

प्रश्न 27. क्या आरई द्वारा ग्राहक को उसके केवाईसी के लंबित आवधिक अद्यतन को पूरा करने के लिए विधिवत सूचना देना आवश्यक है?

उत्तर. हां, आरई अपने ग्राहकों को केवाईसी के आवधिक अद्यतनीकरण की अपेक्षा का पालन करने के लिए अग्रिम रूप से सूचित करेंगी। नियत तारीख के बाद, आरई ऐसे ग्राहकों को अनुस्मारक भी भेजेंगी जिन्होंने अग्रिम सूचना के बावजूद अभी तक अपेक्षाओं का पालन नहीं किया है।

प्रश्न 28. यदि अग्रिम सूचना/अनुस्मारक के बाद भी केवाईसी का आवधिक अद्यतनीकरण नहीं किया जाता है तो क्या होगा?

उत्तर. धन शोधन निवारण (अभिलेखों का रखरखाव) नियमावली 2005 आरई को ग्राहकों से पहचान अभिलेख (पहचान के अद्यतन अभिलेखों सहित) प्राप्त करने में सक्षम बनाता है, उक्त अभिलेख प्राप्त न होने पर आरई विधिवत सूचना देने के बाद ग्राहकों के खाते बंद कर सकते है।

प्रश्न 29. यदि ग्राहक को केवाईसी के आवधिक अद्यतनीकरण को पूरा करने के लिए लिंक के साथ एसएमएस/ईमेल प्राप्त होता है तो उसे क्या करना चाहिए?

उत्तर: ग्राहक को ऐसे एसएमएस/ईमेल में दिए गए लिंक पर क्लिक करने से पहले अत्यधिक सतर्कता बरतना चाहिए, क्योंकि ये संदिग्ध/धोखाधड़ीपूर्ण हो सकते हैं। जनता को सूचित किया जाता है कि वे केवाईसी अद्यतनीकरण के नाम पर की जा रही धोखाधड़ी का शिकार न बनें। कृपया केवाईसी अध्यतन के नाम पर धोखाधड़ी के विरुद्ध आरबीआई की चेतावनी पर 13 सितंबर 2021 की प्रेस विज्ञप्ति देखें।

प्रश्न 30. क्या कोई व्यक्ति नकद के बदले डिमांड ड्राफ्ट/भुगतान आदेश/यात्री चेक खरीद सकता है?

उत्तर: 50,000 रुपये से कम राशि के डिमांड ड्राफ्ट/भुगतान आदेश/ट्रैवलर्स चेक नकद के बदले खरीदे जा सकते हैं। तथापि, 50,000 रुपये और उससे अधिक के लिए ऐसा उपकरण केवल ग्राहक के खाते से डेबिट करके या चेक के विरुद्ध ही जारी किया जा सकता है।

प्रश्न 31. चेक/ड्राफ्ट/पे ऑर्डर/बैंकर्स चेक सहित भुगतान उपकरण प्रस्तुत करने की अवधि क्या है?

उत्तर: चेक/ड्राफ्ट/पे ऑर्डर/बैंकर्स चेक का भुगतान, यदि ऐसे उपकरण जारी करने की तारीख से तीन महीने की अवधि से अधिक समय के बाद प्रस्तुत किया जाता है, तो आरई द्वारा नहीं किया जाएगा।

प्रश्न 32. यदि खाता-आधारित संबंध स्थापित करते समय (आरई के साथ खाता खोलते समय) ग्राहक द्वारा प्रस्तुत किए गए दस्तावेजों को संशोधित/अद्यतन/नवीनीकृत कर दिया गया हो, तो ग्राहक को क्या करना चाहिए?

उत्तर: खाता-आधारित संबंध स्थापित करते समय ग्राहक द्वारा प्रस्तुत ओवीडी में किसी भी परिवर्तन जैसे जनसांख्यिकीय जानकारी या पते या अन्य दस्तावेजों में परिवर्तन के मामले में, ग्राहक को दस्तावेजों में अद्यतन/परिवर्तन/संशोधन के 30 दिनों के भीतर आरई को अद्यतन ओवीडी/अन्य दस्तावेज प्रस्तुत करने होंगे, ताकि आरई की ओर से रिकॉर्ड को अद्यतन किया जा सके। ऐसे मामले में, आरई ग्राहक को केवाईसी दस्तावेजों की प्राप्ति की सूचना देगा।

प्रश्न 33. क्या प्रश्न 13 के उत्तर में उल्लिखित ग्राहक ऑनबोर्डिंग (अर्थात खाता खोलना) के सभी तरीके दिव्यांग व्यक्तियों के लिए उपलब्ध हैं?

उत्तर: हां, ऊपर प्रश्न 13 के उत्तर में उल्लिखित खाता खोलने के सभी तरीके, अर्थात प्रत्यक्ष मोड, ; अप्रत्यक्ष मोड और वी-सीआईपी के द्वारा ग्राहको को शामिल करना दिव्यांगजनों के लिए उपलब्ध हैं।

प्रश्न 34. क्या किसी ग्राहक के केवाईसी/केवाईसी के आवधिक अद्यतन के आवेदन को स्वचालित रूप से अस्वीकार किया जा सकता है?

उत्तर: विनियमित संस्थाओं की ग्राहक स्वीकृति नीति के परिणामस्वरूप आम जनता को बैंकिंग/वित्तीय सुविधा से वंचित नहीं किया जाएगा, विशेष रूप से उन लोगों को, जो वित्तीय या सामाजिक रूप से वंचित हैं, जिनमें दिव्यांग व्यक्ति (पीडब्ल्यूडी) भी शामिल हैं। केवाईसी के आवेदन/केवाईसी के आवधिक अद्यतनीकरण के आवेदन को अस्वीकार करने का निर्णय स्वचालित नहीं होगा और अस्वीकृति पर ऐसे निर्णयों की समीक्षा इस प्रयोजन के लिए अधिकृत आरई के अधिकारी द्वारा की जाएगी।

प्रश्न 35. क्या केवाईसी प्रयोजनों के लिए हस्ताक्षर के स्थान पर अंगूठे का निशान स्वीकार किया जाएगा?

उत्तर: केवाईसी पर एमडी के पैरा 16 और 23 के तहत प्रत्यक्ष मोड में ग्राहक को शामिल करने के लिए हस्ताक्षर के स्थान पर अंगूठे के निशान को स्वीकार करने का प्रावधान पहले ही निर्धारित किया जा चुका है।

प्रश्न 36. *निष्क्रिय खाता क्या है1? निष्क्रिय खाते को पुनः सक्रिय करने की प्रक्रिया क्या है?

उत्तर: निष्क्रिय खाता वह बचत/चालू खाता है जिसमें दो वर्ष से अधिक अवधि तक कोई 'ग्राहक प्रेरित लेनदेन' नहीं हुआ हो। निष्क्रिय खातों को सक्रिय करने के लिए, ग्राहक अपनी केवाईसी जानकारी/डेटा को आरई की घरेलू/गैर-घरेलू शाखा में तथा वी-सीआईपी के माध्यम से भी अपडेट कर सकता है, बशर्ते बैंक द्वारा वी-सीआईपी की सुविधा प्रदान की गई हो। बैंक, केवाईसी पर मास्टर निदेश में दिए गए केवाईसी दिशानिर्देशों का अनुपालन करने के बाद ही निष्क्रिय खातों को सक्रिय करेंगे।

प्रश्न 37. वह कौन से तरीके हैं जिनके माध्यम से निष्क्रिय खातों को चालू किया जा सकता है?

उत्तर: 'निष्क्रिय खातों' को सक्रिय करने की प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए बैंक को अपनी सभी शाखाओं में केवाईसी अद्यतन करने की सुविधा उपलब्ध करानी होगी, और यदि खाताधारक द्वारा अनुरोध किया जाता है तो बैंक, वीडियो-ग्राहक पहचान प्रक्रिया (वी-सीआईपी) के माध्यम से केवाईसी अद्यतन की सुविधा उपलब्ध कराएगा, बशर्ते कि बैंक द्वारा वी-सीआईपी की सुविधा प्रदान की गई हो।


1 निष्क्रिय खाते को बैंकों में निष्क्रिय खाते/अदावी जमा- संशोधित अनुदेश पर दिनांक 1 जनवरी 2024 के परिपत्र विवि.एसओजी (एलईजी).आरईसी/64/09.08.024/2023-24 में परिभाषित किया गया है।

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