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गैर-बैंकिंग वित्‍तीय कंपनियां

यद्यपि यह भूमिका हमारी गतिविधियों का एक ऐसा पहलू है, जिसके संबंध में स्‍पष्‍ट रूप से कहीं उल्‍लेख तो नहीं है, किंतु अति महत्‍वपूर्ण गतिविधियों की श्रेणी में इसकी गिनती की जाती है। इसके अंतर्गत अर्थव्‍यवस्‍था के उत्‍पादक क्षेत्रों को ऋण उपलब्‍धता सुनिश्चित करना, देश की वित्‍तीय मूलभूत संरचना के निर्माण हेतु संस्‍थाओं की स्‍थापना करना, किफायती वित्‍तीय सेवाओं की सुलभता बढ़ाना तथा वित्‍तीय शिक्षण एवं साक्षरता को बढ़ावा देना आदि शामिल हैं।

अधिसूचनाएं


भारतीय रिज़र्व बैंक (बेसल III पूंजी ढांचे, एक्सपोजर मानदंड, महत्वपूर्ण निवेश, वर्गीकरण, निवेश पोर्टफोलियो मानदंडों का मूल्यांकन तथा परिचालन और अखिल भारतीय वित्तीय संस्थानों के लिए संसाधन जुटाने के मानदंडों पर विवेकपूर्ण विनियमन) निदेश 2023 – संशोधन

भारिबैं/2024-25/116
विवि.एमआरजी.आरईसी.60/00-00-017/2024-25

17 फरवरी 2025

महोदया / महोदय,

भारतीय रिज़र्व बैंक (बेसल III पूंजी ढांचे, एक्सपोजर मानदंड, महत्वपूर्ण निवेश, वर्गीकरण, निवेश पोर्टफोलियो मानदंडों का मूल्यांकन तथा परिचालन और अखिल भारतीय वित्तीय संस्थानों के लिए संसाधन जुटाने के मानदंडों पर विवेकपूर्ण विनियमन) निदेश 2023 – संशोधन

कृपया 21 सितंबर 2023 को जारी भारतीय रिज़र्व बैंक (बेसल III पूंजी ढांचे, एक्सपोजर मानदंड, महत्वपूर्ण निवेश, वर्गीकरण, मूल्यांकन और निवेश पोर्टफोलियो मानदंडों के परिचालन और अखिल भारतीय वित्तीय संस्थानों के लिए संसाधन जुटाने के मानदंडों पर विवेकपूर्ण विनियमन) निदेश 2023 के पैराग्राफ 34.2 का संदर्भ लें।

2. समीक्षा करने पर यह निर्णय लिया गया है कि अखिल भारतीय वित्तीय संस्थाओं (एआईएफआई) द्वारा, उनके सांविधिक अधिदेशों के अनुसार, गैर-वित्तीय संस्थाओं द्वारा जारी दीर्घकालिक बॉण्ड और डिबेंचर (अर्थात निवेश के समय न्यूनतम तीन वर्ष की अवशिष्ट परिपक्वता अवधि वाले) में किए गए निवेश को उक्त निदेशों के तहत निर्दिष्ट परिपक्वता तक धारित (एचटीएम) श्रेणी के अंतर्गत शामिल निवेशों पर लागू 25 प्रतिशत की अधिकतम सीमा के प्रयोजन के लिए हिसाब में नहीं लिया जाएगा।

3. तदनुसार, संबंधित अनुदेशों को संशोधित किया गया है, जैसा कि अनुबंध में विस्तृत रूप से उल्लेख किया गया है।

प्रयोज्यता

4. यह परिपत्र रिज़र्व बैंक द्वारा विनियमित अखिल भारतीय वित्तीय संस्थाओं (एआईएफआई), अर्थात - भारतीय निर्यात-आयात बैंक (एक्जिम बैंक), राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड), राष्ट्रीय अवसंरचना वित्तपोषण और विकास बैंक (नैबफिड), राष्ट्रीय आवास बैंक (एनएचबी) और भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (सिडबी), पर लागू होगा।

5. यह परिपत्र भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45एल के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए जारी किया गया है।

6. ये अनुदेश 01 अप्रैल 2025 से लागू होंगे।

भवदीया,

(उषा जानकीरामन)
प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक


अनुबंध

21 सितंबर 2023 को जारी भारतीय रिज़र्व बैंक (बेसल III पूंजी ढांचे, एक्सपोजर मानदंड, महत्वपूर्ण निवेश, वर्गीकरण, निवेश पोर्टफोलियो मानदंडों का मूल्यांकन तथा परिचालन और अखिल भारतीय वित्तीय संस्थानों के लिए संसाधन जुटाने के मानदंडों पर विवेकपूर्ण विनियमन) निदेश 2023

क्र. सं. संदर्भ
पैराग्राफ
मौजूदा पाठ संशोधित पाठ (ट्रैक-परिवर्तन मोड में)
1 34.2.3 उपर्युक्त उप- धारा (ii) और (iii) में निर्दिष्ट निवेशों को इन निदेशों की धारा 34.2.1 के तहत निर्दिष्ट 25 प्रतिशत की अधिकतम सीमा के प्रयोजन के लिए हिसाब में नहीं लिया जाएगा। इन निदेशों की धारा 34.2.1 के अंतर्गत निर्दिष्ट 25 प्रतिशत की अधिकतम सीमा के प्रयोजन के लिए निम्नलिखित निवेशों को हिसाब में नहीं लिया जाएगा:

(i) उपर्युक्त उप-धारा 34.2.2(ii) और 34.2.2(iii) में निर्दिष्ट निवेश; और

(ii) एआईएफआई द्वारा अपने सांविधिक अधिदेशों के अनुसार, गैर-वित्तीय संस्थाओं द्वारा जारी दीर्घकालिक बॉण्ड और डिबेंचर (अर्थात निवेश के समय न्यूनतम तीन वर्ष की अवशिष्ट परिपक्वता अवधि वाले) में किया गया निवेश।
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