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विदेशी मुद्रा प्रबंधक

भारतीय रुपए के बाहरी मूल्‍य के निर्धारण के लिए बाज़ार-आधारित प्रणाली में परिवर्तन के साथ विदेशी मुद्रा बाज़ार ने सुधार अवधि की शुरुआत से ही भारत में ज़ोर पकड़ा है।

अधिसूचनाएं


मर्चेंटिंग ट्रेड लेनदेन (एमटीटी) – विदेशी मुद्रा के परिव्यय के लिए समयावधि की समीक्षा

भा.रि.बैंक/2025-26/88
ए.पी. (डीआईआर सीरीज़) परिपत्र सं. 11

01 अक्‍तूबर 2025

सभी श्रेणी-I प्राधिकृत व्यापारी बैंक

महोदया/महोदय

मर्चेंटिंग ट्रेड लेनदेन (एमटीटी)
– विदेशी मुद्रा के परिव्यय के लिए समयावधि की समीक्षा

प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंकों (एडी) का ध्यान दिनांक 23 जनवरी 2020 के ए.पी. (डीआईआर सीरीज़) परिपत्र सं. 20 के पैरा 2(vi) की ओर आकृष्ट किया जाता है जिसके अंतर्गत यह उल्लिखित है कि ‘मर्चेंटिंग ट्रेड लेनदेन संबंधी संपूर्ण प्रक्रिया नौ माह की समग्र अवधि के भीतर पूर्ण होनी चाहिए और उसके लिए विदेशी मुद्रा परिव्यय (outlay) चार माह से अधिक अवधि के लिए नहीं होना चाहिए। मर्चेंटिंग ट्रेड के प्रारंभ की तिथि पोतलदान / निर्यात लेग रसीद अथवा आयात लेग भुगतान की तारीख, इन में से जो भी पहले हो, मानी जाएगी। इसके पूरे होने की तारीख पोतलदान / निर्यात लेग रसीद अथवा आयात लेग भुगतान की तारीख इनमें से जो भी अंतिम तारीख हो, वह मानी जाएगी।‘

2. समीक्षा के उपरांत, मर्चेंटिंग व्यापारियों को अपने एमटीटी का कुशलतापूर्वक प्रबंधन में सुविधा प्रदान करने हेतु विदेशी मुद्रा परिव्यय की समयावधि चार महीने से बढ़ाकर छह महीने करने का निर्णय लिया गया है। संदर्भित परिपत्र में दर्शाए गए अन्य सभी निदेश अपरिवर्तित रहेंगे।

3. उपरोक्त निदेश तत्काल प्रभाव से लागू होंगे। प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-। बैंक इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने संबंधित घटकों और ग्राहकों को अवगत कराएँ।

4. इस परिपत्र में निहित निदेश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम (फेमा), 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और 11(1) के अंतर्गत जारी किए गए हैं और ये किसी अन्य विधि / कानून के अंतर्गत अपेक्षित अनुमति / अनुमोदन, यदि कोई हों, पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं डालते हैं।

भवदीय,

(एन. सेंथिल कुमार)
मुख्य महाप्रबंधक

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