आरबीआई/2025-26/90
ए.पी. (डीआइआर शृंखला) परिपत्र सं.13
03 अक्तूबर 2025
सभी प्राधिकृत डीलर श्रेणी-I बैंक
महोदया/महोदय,
विशेष रुपया वोस्ट्रो खाते के माध्यम से भारत के बाहर निवासी व्यक्तियों द्वारा कॉर्पोरेट ऋण प्रतिभूतियों में निवेश
प्राधिकृत डीलर श्रेणी-I (एडी श्रेणी-I) बैंकों का ध्यान दिनांक 17 अक्तूबर 2019 की अधिसूचना सं. फेमा.396/2019-आरबी के द्वारा अधिसूचित विदेशी मुद्रा प्रबंध (ऋण लिखत) विनियमावली, 2019 की अनुसूची-1, और दिनांक 01 अप्रैल 2016 की समय-समय पर यथासंशोधित अधिसूचना सं. फेमा.5(आर)/2016-आरबी के द्वारा अधिसूचित विदेशी मुद्रा प्रबंध (जमा) विनियमावली, 2016 और उसके अंतर्गत जारी संगत निदेशों की ओर आकृष्ट किया जाता है। दिनांक 07 जनवरी 2025 के मास्टर निदेश - भारतीय रिज़र्व बैंक (ऋण लिखतों में अनिवासी निवेश) निदेश, 2025 (इसके पश्चात् "मास्टर निदेश") का संदर्भ भी आमंत्रित किया जाता है।
2. भारत के बाहर निवासी व्यक्तियों, जो 11 जुलाई, 2022 के ए.पी.(डीआईआर श्रृंखला) परिपत्र सं.10 के अनुसार भारतीय रुपये में अंतरराष्ट्रीय व्यापार निपटान के लिए एक विशेष रुपया वोस्ट्रो खाता (एसआरवीए) रखते हैं, को पूर्वोक्त खाते में अपने रुपया अधिशेष शेष को केंद्र सरकार की प्रतिभूतियों (ट्रेजरी बिल सहित) में निवेश करने की अनुमति दिनांक 12 अगस्त, 2025 के ए.पी.(डीआईआर श्रृंखला) परिपत्र सं.9 के माध्यम से दी गई थी। अब यह निर्णय लिया गया है कि इन शेषों को किसी भारतीय कंपनी द्वारा निर्गम किए गए अपरिवर्तनीय डिबेंचरों/बॉन्डों एवं वाणिज्यिक पत्रों में भी निवेश करने की अनुमति दी जाए।
3. मास्टर निदेश को निम्नानुसार अद्यतन किया गया है:
(ए) भाग-1 के पैराग्राफ 3(i)(ई) में, "केंद्र सरकार की प्रतिभूतियों" शब्दों को "पात्र लिखतों" शब्दों से प्रतिस्थापित किया जाएगा।
(बी) भाग-2 के पैराग्राफ 4.2 में, 'नोट' खंड के तहत, मौजूदा पैराग्राफ (सी) के बाद, निम्नलिखित पैराग्राफ डाला जाएगा, अर्थात्: -
"(डी) किसी भारतीय कंपनी द्वारा निर्गम किए गए अपरिवर्तनीय डिबेंचरों/बॉन्डों एवं वाणिज्यिक पत्रों में विशेष रुपया वोस्ट्रो खाते में रुपया अधिशेष शेष के निवेश को सामान्य मार्ग के तहत कॉर्पोरेट ऋण प्रतिभूतियों के लिए निवेश सीमा के तहत गिना जाएगा।“
(सी) भाग-5ए के पैराग्राफ 7ए.2 में, "(ट्रेजरी बिल सहित)" शब्दों के बाद, निम्नलिखित शब्द जोड़े जाएंगे, अर्थात्: -
"और किसी भारतीय कंपनी द्वारा निर्गम किए गए अपरिवर्तनीय डिबेंचर/बॉन्ड एवं वाणिज्यिक पत्र"
(डी) भाग-5ए में, मौजूदा पैराग्राफ 7ए.2 के बाद निम्नलिखित पैराग्राफ डाला जाएगा, अर्थात्: -
"स्पष्टीकरण: "किसी भारतीय कंपनी द्वारा निर्गम किए गए अपरिवर्तनीय डिबेंचर/बॉन्ड" और "किसी भारतीय कंपनी द्वारा निर्गम किए गए वाणिज्यिक पत्र" का अर्थ दिनांक 17 अक्टूबर, 2019 की अधिसूचना सं.फेमा.396/2019-आरबी द्वारा अधिसूचित विदेशी मुद्रा प्रबंधन (ऋण लिखत) विनियमावली, 2019 की अनुसूची 1 के पैराग्राफ 1ए(बी) और पैरा 1ए(सी) में क्रमशः निर्दिष्ट लिखत होंगे।
(ई) भाग-5ए में, मौजूदा पैराग्राफ 7ए.4 के बाद निम्नलिखित पैराग्राफ डाला जाएगा, अर्थात्: -
"7ए.4.1 किसी भारतीय कंपनी द्वारा निर्गम किए गए अपरिवर्तनीय डिबेंचरों/बॉन्डों एवं वाणिज्यिक पत्रों में निवेश निम्नानुसार होगा:
(i) निवेश इन निदेशों के क्रमशः पैराग्राफ 4.2 और 4.4 में निर्धारित सामान्य मार्ग के तहत एफपीआई निवेशों के लिए निर्दिष्ट निवेश सीमा और शर्तों के अधीन होंगे।
बशर्ते कि इन निदेशों के पैराग्राफ 4.4 (i) में निर्धारित न्यूनतम अवशिष्ट परिपक्वता आवश्यकता और पैराग्राफ 4.4 (iv) में निर्धारित निर्गम-वार सीमा एसआरवीए मार्ग के तहत किए गए निवेश पर लागू नहीं होगी।
(ii) इस तरह के निवेशों के लिए सभी लागू सीमाओं का अनुपालन करने की प्राथमिक जिम्मेदारी एसआरवीए धारकों और एडी श्रेणी-I बैंकों की होगी, जहां ये खाते बनाए रखे जाते हैं।
(एफ) भाग-5ए के पैराग्राफ 7ए.5 में, "केंद्र सरकार की प्रतिभूतियों (ट्रेजरी बिल सहित)" शब्दों को "पात्र लिखतों" शब्दों से प्रतिस्थापित किया जाएगा।
(जी) भाग-5ए में, मौजूदा पैराग्राफ 7ए.6.(i) के बाद निम्नलिखित पैराग्राफ डाला जाएगा, अर्थात्: -
"(i-ए) एसआरवीए धारकों के लिए किसी भारतीय कंपनी द्वारा निर्गम किए गए अपरिवर्तनीय डिबेंचरों/बॉन्डों एवं वाणिज्यिक पत्रों में अपने सभी निवेश रखने के लिए अलग डीमैट खाते खोलने की सुविधा प्रदान करेंगे"
(एच) भाग-5ए में, मौजूदा पैराग्राफ 7ए.6.(iii) के बाद निम्नलिखित पैराग्राफ डाला जाएगा, अर्थात्: -
"(iii-ए) एसआरवीए धारकों द्वारा किसी भारतीय कंपनी द्वारा निर्गम किए गए अपरिवर्तनीय डिबेंचरों/बॉन्डों एवं वाणिज्यिक पत्रों में लेन-देन की रिपोर्ट सेबी के साथ पंजीकृत डिपॉजिटरी(रियों) को करेंगे, ताकि सामान्य मार्ग के तहत कॉर्पोरेट ऋण प्रतिभूतियों के लिए निवेश सीमा के तहत उनकी गणना की जा सके।“
(आई) भाग-5ए के पैराग्राफ 7ए.6 (v) में, "केंद्र सरकार की प्रतिभूतियों (ट्रेजरी बिल सहित)" शब्दों को "पात्र लिखतों" शब्दों से प्रतिस्थापित किया जाएगा।
4. ये निदेश तत्काल प्रभाव से लागू होंगे।
5. एडी श्रेणी-I बैंक इस परिपत्र की विषय-वस्तु को अपने संबंधित संघटकों और ग्राहकों के ध्यान में लाएँ।
6. इस परिपत्र में निहित निदेश, विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और 11(1) के अंतर्गत, किसी अन्य कानून के तहत अपेक्षित अनुमति/अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना, जारी किए गए हैं।
भवदीया,
(डिम्पल भांडिया)
मुख्य महाप्रबंधक |