10 अक्तूबर 2025
विनियमों का समेकन - टिप्पणियों के लिए मसौदे
रिज़र्व बैंक का अपने विनियामक ढांचे को अनुकूलतम बनाने के लिए निरंतर प्रयास रहा है, जिसमें अन्य बातों के साथ-साथ विनियामक बोझ और अनुपालन लागत को कम करने पर ध्यान केंद्रित किया गया है, साथ ही मौजूदा अनुदेशों की वैधता का समय पर पुनर्मूल्यांकन भी किया गया है।
उपरोक्त के अनुसरण में, रिज़र्व बैंक ने विनियमन विभाग द्वारा वर्तमान में प्रशासित विनियामक अनुदेशों को 'जैसा है’ आधार पर समेकित करने का एक व्यापक कार्य प्रारंभ किया है। 9 अक्तूबर 2025 तक जारी विनियामक अनुदेशों के मौजूदा समूह को 30 कार्यों/क्षेत्रों तक, 11 प्रकार की विनियमित संस्थाओं में 238 मास्टर निदेशों में समेकित किया गया है। परिणामस्वरूप, विनियमन विभाग द्वारा प्रशासित लगभग 9000 परिपत्र (मास्टर परिपत्र/मास्टर निदेश सहित) निरस्त कर दिए जाएँगे।
अपनाए गए दृष्टिकोण की विस्तृत पृष्ठभूमि और स्पष्टीकरण यहां देखा जा सकता है।
इस प्रक्रिया से विनियमित संस्थाओं के लिए विनियामक अनुदेशों तक पहुँच में उल्लेखनीय सुधार होने की आशा है, जिससे उनकी अनुपालन लागत कम होगी। साथ ही, प्रत्येक प्रकार की विनियमित संस्थाओं के लिए अलग-अलग विनियामक अनुदेशों को समेकित करने से प्रत्येक अनुदेश की विनियमित संस्था पर प्रयोज्यता की स्पष्टता में सुधार होगा।
तदनुसार, भारतीय रिज़र्व बैंक ने पूर्णता और सटीकता के संबंध में टिप्पणियों के लिए निम्नलिखित दस्तावेजों के मसौदे अपनी वेबसाइट पर रखे हैं:
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238 समेकित मास्टर निदेशों/दिशानिर्देशों के मसौदे
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निरस्त किये जाने हेतु प्रस्तावित परिपत्रों की सूची
टिप्पणियाँ/ प्रतिक्रिया 10 नवंबर 2025 को या उससे पहले निम्नलिखित माध्यमों से प्रस्तुत की जा सकती हैं:
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वेबसाइट पर 'कनेक्ट 2 रेगुलेट' खंड, उस पृष्ठ, जहां वे होस्ट किए गए हैं, पर प्रत्येक दस्तावेज़ के सामने दिए गए संबंधित हाइपरलिंक का प्रयोग करके या
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विषय पंक्ति ‘<मसौदा मास्टर निदेश/ दिशानिर्देश का पूरा नाम (विनियमित इकाई के प्रकार सहित)>' पर प्रतिक्रिया के साथ ईमेल द्वारा।
इस अभ्यास में अनुदेशों में संशोधन/ समीक्षा के लिए प्रतिक्रिया/ सुझाव पर विचार नहीं किया जाएगा।
(ब्रिज राज)
मुख्य महाप्रबंधक
प्रेस प्रकाशनी: 2025-2026/1291 |