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शहरी बैंकिंग

शायद यह भूमिका हमारे कार्यकलापों का सबसे अधिक अघोषित पहलू है, फिर भी यह सबसे महत्वपूर्ण है। इसमें अर्थव्यवस्था के उत्पादक क्षेत्रों के लिए ऋण उपलब्धता सुनिश्चित करना, देश की वित्तीय मूलभूत सुविधा के निर्माण के लिए डिज़ाइन किए गए संस्थानों की स्थापना करना, वहनीय वित्तीय सेवाओं की पहुंच में विस्तार करना और वित्तीय शिक्षा और साक्षरता को बढ़ावा देना शामिल है।

प्रेस प्रकाशनी


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अभ्युदय सहकारी बैंक लिमिटेड, मुंबई के निदेशक मंडल का अधिक्रमण – अवधि बढ़ाना

7 नवंबर 2025

अभ्युदय सहकारी बैंक लिमिटेड, मुंबई के निदेशक मंडल का अधिक्रमण – अवधि बढ़ाना

बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 36 एएए के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, रिज़र्व बैंक ने बैंक के भीतर देखे गए खराब अभिशासन  मानकों से उत्पन्न महत्वपूर्ण चिंताओं के कारण अभ्युदय सहकारी बैंक लिमिटेड, मुंबई (बैंक) के निदेशक मंडल को 24 नवंबर 2023 को एक वर्ष के लिए अधिक्रमित किया था। अधिक्रमण की अवधि को 24 नवंबर 2024 से प्रभावी, एक वर्ष की अतिरिक्त अवधि के लिए बढ़ा दिया गया था।

2. समीक्षा के बाद, भारतीय रिज़र्व बैंक इस बात से संतुष्ट है कि जनहित में, 23 नवंबर 2025 को बैंक के कारोबार की समाप्ति से आगे अधिक्रमण की अवधि को बढ़ाना आवश्यक है।

3. तदनुसार, भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 36 एएए के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए 24 नवंबर 2025 से प्रभावी, एक वर्ष की अतिरिक्त अवधि के लिए अधिक्रमण की अवधि बढ़ा दी है। परिणामस्वरूप, श्री सत्य प्रकाश पाठक बैंक के प्रशासक के रूप में बने रहेंगे और उन्हें श्री वेंकटेश हेगड़े, श्री देवेंद्र कुमार और श्री सुहास गोखले की वर्तमान सलाहकार समिति द्वारा सहायता प्रदान की जाएगी।

(ब्रिज राज)   
मुख्य महाप्रबंधक

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