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विदेशी मुद्रा प्रबंधक

भारतीय रुपए के बाहरी मूल्‍य के निर्धारण के लिए बाज़ार-आधारित प्रणाली में परिवर्तन के साथ विदेशी मुद्रा बाज़ार ने सुधार अवधि की शुरुआत से ही भारत में ज़ोर पकड़ा है।

प्रेस प्रकाशनी


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2024-25 की चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च) के दौरान भारत के भुगतान संतुलन की गतिविधियां

27 जून 2025

2024-25 की चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च) के दौरान भारत के भुगतान संतुलन की गतिविधियां

चौथी तिमाही अर्थात् जनवरी-मार्च 2024-25 के लिए भारत के भुगतान संतुलन (बीओपी) से संबंधित प्रारंभिक आंकड़े, विवरण । और ।। में प्रस्‍तुत किए गए हैं।

2024-25 की चौथी तिमाही के दौरान भारत के भुगतान संतुलन की मुख्य विशेषताएं 

  • भारत के चालू खाता शेष में 2024-25 की चौथी तिमाही में 13.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर (जीडीपी का 1.3 प्रतिशत) का अधिशेष दर्ज किया गया, जबकि 2023-24 की चौथी तिमाही यह 4.6 बिलियन अमेरिकी डॉलर (जीडीपी का 0.5 प्रतिशत) था तथा 2024-25 की तीसरी तिमाही में 11.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर (जीडीपी का 1.1प्रतिशत) का घाटा दर्ज किया गया था।1

  • 2024-25 की चौथी तिमाही में वाणिज्य वस्तु व्यापार घाटा 59.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर रहा, जो 2023-24 की चौथी तिमाही के 52.0 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक था। हालाँकि, यह 2024-25 की तीसरी तिमाही के 79.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर से कम हो गया।

  • 2024-25 की चौथी तिमाही में निवल सेवा प्राप्तियाँ एक वर्ष पहले के 42.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर से बढ़कर 53.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गईं। कारोबारी सेवाएं और कंप्यूटर सेवाएं जैसी प्रमुख श्रेणियों में सेवा निर्यात में वर्ष-दर-वर्ष आधार पर वृद्धि हुई है।

  • प्राथमिक आय खाते पर निवल व्यय, जो मुख्य रूप से निवेश आय के भुगतान को दर्शाता है, वर्ष 2023-24 की चौथी तिमाही के 14.8 बिलियन अमेरिकी डॉलर से घटकर 2024-25 की चौथी तिमाही में 11.9 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया।

  • व्यक्तिगत अंतरण प्राप्तियां, जो मुख्य रूप से विदेशों में कार्यरत भारतीयों द्वारा विप्रेषित धनराशि को दर्शाती हैं, 2023-24 की चौथी तिमाही के 31.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर से बढ़कर 2024-25 की चौथी तिमाही में 33.9 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गईं।

  • वित्तीय खाते में, प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) ने 2024-25 की चौथी तिमाही में 0.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर का निवल अंतर्वाह दर्ज किया, जबकि 2023-24 की इसी अवधि में 2.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर का अंतर्वाह हुआ था।

  • विदेशी पोर्टफोलियो निवेश (एफपीआई) ने 2024-25 की चौथी तिमाही में 5.9 बिलियन अमेरिकी डॉलर का निवल बहिर्वाह दर्ज किया, जबकि 2023-24 की चौथी तिमाही में 11.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर का निवल अंतर्वाह हुआ था।

  • भारत में बाह्य वाणिज्यिक उधार (ईसीबी) के अंतर्गत निवल अंतर्वाह 2024-25 की चौथी तिमाही में 7.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर रहा, जबकि एक वर्ष पहले इसी अवधि में यह 2.6 बिलियन अमेरिकी डॉलर था।
  • अनिवासी जमा (एनआरआई जमा) में 2024-25 की चौथी तिमाही में 2.8 बिलियन अमेरिकी डॉलर का निवल अंतर्वाह दर्ज किया गया, जो एक वर्ष पहले के 5.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर से कम है।

  • 2024-25 की चौथी तिमाही में विदेशी मुद्रा आरक्षित निधि में 8.8 बिलियन अमेरिकी डॉलर की वृद्धि (बीओपी आधार पर) हुई, जबकि 2023-24 की चौथी तिमाही में 30.8 बिलियन अमेरिकी डॉलर की वृद्धि हुई थी (तालिका 1)।

2024-25 के दौरान बीओपी

  • 2024-25 के दौरान भारत का चालू खाता घाटा 23.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर (जीडीपी का 0.6 प्रतिशत) रहा, जो 2023-24 के दौरान 26.0 बिलियन अमेरिकी डॉलर (जीडीपी का 0.7 प्रतिशत) से कम है, जिसका मुख्य कारण निवल अदृश्य प्राप्तियां अधिक होना है।

  • सेवाओं और व्यक्तिगत अंतरण के कारण 2024-25 के दौरान निवल अदृश्य प्राप्तियां एक वर्ष पहले की तुलना में अधिक थीं।

  • 2024-25 के दौरान एफडीआई के अंतर्गत निवल अंतर्वाह 1.0 बिलियन अमेरिकी डॉलर रहा, जो 2023-24 के दौरान 10.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर से कम है।

  • 2024-25 के दौरान, एफपीआई ने 3.6 बिलियन अमेरिकी डॉलर का निवल अंतर्वाह दर्ज किया, जो एक वर्ष पहले 44.1 बिलियन अमेरिकी डॉलर से कम था।

  • 2024-25 के दौरान विदेशी मुद्रा आरक्षित निधि (बीओपी आधार पर) में 5.0 बिलियन अमेरिकी डॉलर की कमी आई।

तालिका 1: भारत के भुगतान संतुलन की प्रमुख मदें
(बिलियन अमेरिकी डॉलर)
  जनवरी-मार्च 2024 पीआर जनवरी-मार्च 2025 पी 2023-24 पीआर 2024-25 पी
  जमा नामे निवल जमा नामे निवल जमा नामे निवल जमा नामे निवल
क. चालू खाता 253.5 248.9 4.6 264.9 251.4 13.5 942.8 968.9 -26.0 1018.3 1041.6 -23.3
1. वस्तु 121.6 173.6 -52.0 116.3 175.8 -59.5 441.4 686.4 -244.9 441.8 729.0 -287.2
   जिसमें से:                        
      पीओएल 22.2 48.8 -26.5 14.1 44.3 -30.2 84.2 178.7 -94.6 63.3 185.8 -122.4
2. सेवाएं 89.4 46.7 42.7 102.0 48.7 53.3 341.1 178.3 162.8 387.5 198.7 188.8
3. प्राथमिक आय 10.5 25.3 -14.8 11.9 23.8 -11.9 41.5 91.2 -49.7 53.4 101.8 -48.4
4. द्वितीयक आय 32.1 3.4 28.7 34.7 3.2 31.5 118.9 13.0 105.9 135.6 12.1 123.5
ख. पूंजी लेखा और वित्तीय लेखा 248.0 253.3 -5.2 255.8 270.2 -14.4 851.9 826.3 25.6 1154.5 1132.8 21.7
   जिसमें से:                        
1. प्रत्यक्ष निवेश 20.2 17.9 2.3 18.5 18.1 0.4 74.9 64.8 10.2 84.2 83.2 1.0
2. पोर्टफोलियो निवेश 138.9 127.5 11.4 126.0 131.8 -5.9 466.1 422.0 44.1 639.3 635.8 3.6
3. अन्य निवेश 82.7 67.7 14.9 106.2 98.8 7.4 287.8 244.7 43.1 368.6 334.2 34.5
   जिसमें से:                        
     एनआरआई जमाराशियाँ 26.0 20.7 5.4 26.3 23.5 2.8 88.6 73.9 14.7 104.5 88.4 16.2
     भारत को ईसीबी 11.7 9.2 2.6 15.6 8.2 7.4 33.5 29.9 3.5 47.8 29.4 18.4
4. आरक्षित आस्तियाँ  [वृद्धि (-)/कमी (+)] 0.0 30.8 -30.8 0.0 8.8 -8.8 0.0 63.7 -63.7 37.7 32.6 5.0
ग. भूल-चूक (-) (क+ख) 0.6 0.0 0.6 0.9 0.0 0.9 1.6 1.2 0.4 2.0 0.4 1.5
पीआर: आंशिक रूप से संशोधित; और पी: प्रारंभिक।
नोट: पूर्णांकन के कारण उप घटकों का योग कुल योग से भिन्न हो सकता है।

(पुनीत पंचोली) 
मुख्य महाप्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी: 2025-2026/611


1 https://www.rbi.org.in/hindi/Scripts/PressReleases.aspx?Id=51862. दीर्घावधि शृंखला के आंकड़ों के लिए कृपया देखें: CIMS DBIE (rbi.org.in) › सांख्यिकी › बाह्य क्षेत्र › अंतर्राष्ट्रीय व्यापार › त्रैमासिक/वार्षिक।

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