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भारतीय रिज़र्व बैंक ने श्री छानी नागरिक सहकारी बैंक लिमिटेड, वडोदरा, गुजरात पर मौद्रिक दंड लगाया

3 जुलाई 2025

भारतीय रिज़र्व बैंक ने श्री छानी नागरिक सहकारी बैंक लिमिटेड, वडोदरा, गुजरात
पर मौद्रिक दंड लगाया

भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 30 जून 2025 के आदेश द्वारा श्री छानी नागरिक सहकारी बैंक लिमिटेड, वडोदरा, गुजरात (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी 'अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी)' 'ग्राहक संरक्षण - अनधिकृत इलेक्ट्रॉनिक बैंकिंग लेनदेन में सहकारी बैंकों के ग्राहकों की देयता को सीमित करना', 'प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों (यूसीबी) के लिए बुनियादी साइबर सुरक्षा ढांचा' और 'प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों (यूसीबी) के लिए व्यापक साइबर सुरक्षा ढांचा - एक क्रमबद्ध दृष्टिकोण' संबंधी कतिपय निदेशों के अननुपालन के लिए 4.00 लाख (चार लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।

31 मार्च 2024 को बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा बैंक का सांविधिक निरीक्षण किया गया। भारतीय रिज़र्व बैंक के निदेशों के अननुपालन के पर्यवेक्षी निष्कर्षों और उससे संबंधित पत्राचार के आधार पर, बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उससे यह पूछा गया कि वह कारण बताए कि उक्त निदेशों के अनुपालन में विफलता के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए। नोटिस पर बैंक के उत्तर पर विचार करने के बाद, भारतीय रिज़र्व बैंक ने, अन्य बातों के साथ-साथ, यह पाया कि बैंक के विरुद्ध निम्नलिखित आरोप सिद्ध हुए हैं, जिसके लिए मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है:

बैंक निम्न में विफल रहा:

  1. कम से कम छह महीने में एक बार कतिपय खातों के जोखिम वर्गीकरण की आवधिक समीक्षा करना;

  2. ग्राहकों को विविध माध्यमों से अनधिकृत इलेक्ट्रॉनिक बैंकिंग लेनदेन की रिपोर्ट करने के लिए 24x7 पहुंच प्रदान करना; और

  3. साइबर सुरक्षा ढांचे के तहत भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा निर्धारित कतिपय साइबर सुरक्षा नियंत्रणों को लागू करना।

यह कार्रवाई, विनियामकीय अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या करार की वैधता पर सवाल करना नहीं है। इसके अलावा, इस मौद्रिक दंड को लगाने से भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा बैंक के विरुद्ध की जाने वाली किसी भी अन्य कार्रवाई पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा।

(पुनीत पंचोली) 
मुख्य महाप्रबंधक

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