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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न


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स्वर्ण मुद्रीकरण योजना (जीएमएस), 2015

(25 मार्च 2025 तक अद्यतन)

1. प्रश्न: क्या बैंकों को स्वर्ण मुद्रीकरण योजना, 2015 में भाग लेने के लिए आरबीआई के अनुमोदन की आवश्यकता है?

उत्तर: नहीं। हालांकि, बैंकों को संग्रहण और शुद्धता परीक्षण केन्द्रों (सीपीटीसी) के नाम और रिफाइनरीज़ जिनके साथ उन्होंने त्रिपक्षीय करार किया है और इस योजना का संचालन करनेवाली शाखाएँ सहित कार्यान्वयन संबंधी ब्योरा आरबीआई को प्रस्तुत करना चाहिए। बैंकों को इस योजना के तहत सभी शाखाओं द्वारा समाहरित स्वर्ण की मात्रा संबंधी समेकित आंकड़ा मासिक आधार पर निर्धारित प्रारूप में रिपोर्ट करनी चाहिए।

2. प्रश्न: जमा करने के लिए कौन पात्र हैं?

उत्तर: निवासी भारतीय [व्यक्ति, एचयूएफ़, प्रोपराइटरशिप और पार्टनरशिप फर्म, सेबी (म्यूचुअल फंड) विनियमों के तहत पंजीकृत म्यूचुअल फंड/एक्सचेंज ट्रेडेड फंड सहित ट्रस्ट, कंपनियाँ, धर्मार्थ संस्थाएँ, केंद्र सरकार, राज्य सरकार या केंद्र सरकार या राज्य सरकार के स्वामित्व वाली कोई अन्य संस्था]

3. प्रश्न: योजना के तहत विभिन्न जमाराशियाँ कौनसी हैं, ऐसी जमाराशियों की अवधि, लागू ब्याज दरें, और ब्याज भुगतान की आवृत्ति क्या है?

उत्तर: इस योजना में निम्न प्रकार की जमाओं की परिकल्पना की गई है:

क्र. सं. जमाराशि का प्रकार अवधि न्यूनतम अवरुद्धता अवधि लागू ब्याज दर ब्याज भुगतान की आवधिकता
i. अल्पावधि बैंक जमा (एसटीबीडी) 1-3 वर्ष बैंकों द्वारा यथा निर्धारित बैंकों द्वारा यथा निर्धारित बैंकों द्वारा यथा निर्धारित
ii. मध्यावधि सरकारी जमा (एमटीजीडी) 5-7 वर्ष 3 वर्ष 2.25% वर्ष वार्षिक साधारण ब्याज या परिपक्वता के समय वार्षिक रूप से संयोजित संचयी ब्याज।
iii. दीर्घावधि सरकारी जमा (एलटीजीडी) 12-15 वर्ष 5 वर्ष 2.50% वर्ष वार्षिक साधारण ब्याज या परिपक्वता के समय वार्षिक रूप से संयोजित संचयी ब्याज।

यह ध्यान जाएं कि भारत सरकार की दिनांक 25 मार्च 2025 की प्रेस विज्ञप्ति आईडी 2115009 के परिणामस्वरूप, विद्यमान जमाराशियों के नवीनीकरण सहित एमटीजीडी और एलटीजीडी जुटाना 26 मार्च 2025 से बंद कर दिया गया है।

4. प्रश्न: ग्राहक के लिए इस योजना के तहत जमा करने की प्रक्रिया क्या है? क्या सीपीटीसी/जीएमसीटीए/नामित शाखा में सोना जमा करने के पहले दिन से ब्याज जमा होना आरंभ हो जाता है?

उत्तर: पात्र जमाकर्ता केवाईसी संबंधी मानदंडों को पूरा करने के पश्चात किसी भी नामित बैंक में स्वर्ण जमा खाता खोल सकता है। सामान्यतया, इस योजना के तहत जमा सीपीटीसी/जीएमएस मोबिलाइजेशन, कलेक्शन एंड टेस्टिंग एजेंट (जीएमसीटीए) में किया जाएगा, जो ग्राहकों की उपस्थिति में उनके सोने की शुद्धता का परीक्षण करेगा और और जमाकर्ता को 995 शुद्धता के मानक सोने की जमा रसीद जारी करेगा और साथ ही, जमा की स्वीकृति के बारें में ग्राहक के संबन्धित बैंक को सूचित करेगा। नामित बैंक जमाकर्ता द्वारा जमा रसीद प्राप्त करने के दिन या सीपीटीसी/जीएमसीटीए में सोना जमा होने के 30 दिनों के भीतर (बावजूद इसके कि जमाकर्ता रसीद प्रस्तुत करता है या नहीं), जो भी पहले आता है, ग्राहक के अल्पावधि बैंक जमा (एसटीबीडी), जैसा कि लागू है, में जमा करेगा।

तत्पश्चात, जमा किए गए सोने को व्यापार योग्य सोने की बिस्कुटों में बदलने की तारीख से या सीपीटीसी/जीएमसीटीए में सोने की प्राप्ति के 30 दिन बाद, जो भी पहले आता है, से जमा पर ब्याज मिलना शुरू हो जाएगा।

5. प्रश्न: इस योजना के तहत न्यूनतम और अधिकतम कितना सोना जमा किया जा सकता है?

उत्तर: इस योजना के तहत एक समय में न्यूनतम 10 ग्राम कच्चा सोना (पत्थरों और अन्य धातुओं को छोड़कर बार, सिक्के, आभूषण) जमा किया जा सकता है और इसकी अधिकतम सीमा नहीं है। जमा किए गए सोने की मात्रा को एक ग्राम के तीन दशमलव तक व्यक्त किया जाएगा।

6. प्रश्न: 26 मार्च 2025 से इस योजना में क्या बदलाव किए गए हैं?

उत्तर: भारत सरकार द्वारा दिनांक 25 मार्च 2025 की प्रेस विज्ञप्ति आईडी 2115009 द्वारा जीएमएस के मध्यम और दीर्घावधि सरकारी जमा (एमएलटीजीडी) घटकों को समाप्त कर दिया गया है। तदनुसार, नवीनीकरण सहित एमएलटीजीडी जुटाना 26 मार्च 2025 से बंद कर दिया गया है। जीएमएस के तहत एसटीबीडी से संबंधित प्रावधानों में कोई बदलाव नहीं है।

7. प्रश्न: 26 मार्च 2025 से एमएलटीजीडी बंद होने के कारण मौजूदा जमाराशियों पर क्या प्रभाव होगा?

उत्तर: विद्यमान एमएलटीजीडी प्रभावित नहीं हैं और मास्टर निदेश में उल्लिखित मौजूदा प्रावधानों द्वारा अभिशासित होते रहेंगे। यह जमा तब तक चलेंगी जब तक परिपक्वता से पहले नहीं निकाला जाता (मास्टर निदेश - स्वर्ण मुद्रीकरण योजना, 2015 के पैरा 2.2.2. (ई), 2.2.2. (एफ) और 2.2.2. (जी) में प्रावधानों के अनुसार)।

8. प्रश्न: मैंने इस योजना के तहत 25 मार्च 2025 को सीपीटीसी/जीएमसीटीए में अध्यावधि सरकारी जमा (एमटीजीडी)/ दीर्घावधि सरकारी जमा (एलटीजीडी) खोलने के लिए सोना जमा किया। क्या बैंक मेरा जमा खाता खोलेगा?

उत्तर: नामित बैंक 25 मार्च 2025 को या उससे पहले जमाकर्ता को सीपीटीसी/जीएमसीटीए द्वारा जारी जमा रसीद के अनुरूप एमटीजीडी /एलटीजीडी के लिए स्वर्ण जमा खाता खोलेंगे।

9. प्रश्न: मेरा मौजूदा एमटीजीडी/एलटीजीडी जमा जीएमएस के तहत 25 मार्च 2025 से पहले परिपक्व हो गया था लेकिन इसे भुनाया नहीं गया। क्या मैं इस जमा का अब नवीनीकरण कर सकता हूँ?

उत्तर: नहीं। एमटीजीडी/एलटीजीडी का नवीकरण 26 मार्च 2025 से बंद कर दिया गया है।

10. प्रश्न: मेरी मौजूदा एमटीजीडी/एलटीजीडी जमा जीएमएस के तहत 25 मार्च 2025 के बाद परिपक्व हो रही है। क्या मैं इस जमा का नवीनीकरण कर सकता हूँ?

उत्तर: नहीं। एमटीजीडी/एलटीजीडी का नवीनीकरण 26 मार्च 2025 से बंद कर दिया गया है।

11. प्रश्न: क्या इस योजना के तहत ऐसी अवधि के लिए जमा किया जा सकता है जो अल्पावधि बैंक जमा (एसटीबीडी) के अंतर्गत शामिल नहीं होता है, जैसे 4 साल या 9 साल या 16 साल?

उत्तर: एसटीबीडी (1-3 वर्ष) के तहत जमा केवल विनिर्दिष्ट समय सीमा के लिए किया जा सकता है। इस जमाराशि को बाद में परिपक्वता पर नवीनीकृत किया जा सकता है।

12. प्रश्न: क्या सोना जमा करने से पहले जीएमएस के संभावित ग्राहकों के लिए केवाईसी पूरा करना अनिवार्य है?

उत्तर: हां, जब तक कि संभावित जमाकर्ता पहले से ही बैंक का केवाईसी अनुपालक ग्राहक न हो।

13. प्रश्न: सीपीटीसी/जीएमसीटीए को कैसे पता चलेगा कि जमाकर्ता का पहले से ही केवाईसी किया गया है?

उत्तर: बैंक और सीपीटीसी/जीएमसीटीए इस संबंध में एक पारस्परिक रूप से स्वीकार्य प्रक्रिया बनायें और और संबंधित सीपीटीसी/जीएमसीटीए को इसकी सूचना दें।

14. प्रश्न: क्या इस योजना के अंतर्गत संयुक्त स्वामित्व होना संभव है?

उत्तर: इस योजना के तहत दो या अधिक पात्र जमाकर्ताओं की संयुक्त जमा की अनुमति है। जमा राशि ऐसे जमाकर्ताओं के नाम से खोले गए संयुक्त जमा खाते में जमा की जाएगी। नामांकन सहित बैंक खातों के संयुक्त संचालन पर मौजूदा नियम लागू होंगे।

15. प्रश्न: क्या जमाकर्ता न्यूनतम लॉक-इन अवधि से पहले जमा राशि को बंद कर सकता है?

उत्तर: एसटीबीडी के मामले में, संबंधित प्रावधान नामित बैंकों द्वारा निर्धारित किए जाएंगे। एमटीजीडी अथवा एलटीजीडी जमा के मामले में, जमाकर्ता की मृत्यु अथवा एमएलटीजीडी प्रमाण पत्र पर लिए गए ऋण के चूक के मामले में न्यूनतम लॉक-इन अवधि से पहले बंद करने की सुविधा उपलब्ध है। लागू ब्याज दरें मास्टर निदेश-स्वर्ण मुद्रीकरण योजना, 2015 के पैरा 2.2.2. (एफ) और 2.2.2. (जी) में विस्तृत रूप से दी गई हैं।

16. प्रश्न: यदि किसी ग्राहक को सीपीटीसी/जीएमसीटीए द्वारा निर्धारित शुद्धता स्वीकार्य नहीं है और वह जीएमएस में निवेश नहीं करना चाहता है, तो क्या कोई ग्राहक अपने आभूषण वापस ले सकता है?

उत्तर: अग्नि परीक्षण के लिए सीपीटीसी/जीएमसीटीए द्वारा आभूषणों को पिघलाया जाएगा और ग्राहक को केवल पिघले हुए स्वरूप में ही सोना वापस मिल सकता है। इस प्रकार, मूल रूप में आभूषण वापस लेने के संबंध में निर्णय ग्राहक द्वारा एक्सआरएफ परीक्षण के बाद और अग्नि-परीक्षण के लिए सहमति देने से पहले लिया जाना चाहिए।

17. प्रश्न: जमाकर्ता को परिपक्वता पर अपना सोना किस रूप में वापस मिलेगा?

उत्तर:

क्र सं जमा का प्रकार परिपक्वता पर मूलधन का पुनर्भुगतान परिपक्वता पर ब्याज का पुनर्भुगतान
i. अल्पावधि बैंक जमा (एसटीबीडी)* मोचन के समय जमा किए गए सोने के मूल्य के बराबर सोने या आईएनआर में जमा करते समय भारतीय रुपये में सोने के मूल्य के संदर्भ में भारतीय रुपये (आईएनआर)।
ii. मध्यावधि सरकारी जमा (एमटीजीडी) मोचन के समय जमा किए गए सोने के मूल्य के बराबर सोने या आईएनआर में जमा करते समय भारतीय रुपये में सोने के मूल्य के संदर्भ में भारतीय रुपये (आईएनआर)।
iii. दीर्घावधि सरकारी जमा (एलटीजीडी) मोचन के समय जमा किए गए सोने के मूल्य के बराबर सोने या आईएनआर में जमा करते समय भारतीय रुपये में सोने के मूल्य के संदर्भ में भारतीय रुपये (आईएनआर)।
* 05 अप्रैल 2021 से प्रभावी

सभी प्रकार की जमाराशियों के मामले में, जमा करते समय मूलधन को सोने या उसके समकक्ष रुपये के मोचन का विकल्प प्राप्त किया जाएगा। इसके अलावा, एमएलटीजीडी का समय से पहले कोई भी मोचन केवल भारतीय रुपये में होगा, जबकि एसटीबीडी के मामले में यह बैंकों द्वारा निर्धारित किया जाएगा।

18 प्रश्न: क्या कोई बैंक उन मामलों में सोने की आंशिक राशि (एक ग्राम से कम) का पुनर्भुगतान भारतीय रुपये में कर सकता है जहां मोचन सोने में है?

उत्तर: मान लीजिए कि मूल राशि 302.86 ग्राम स्वर्ण है, और ग्राहक को सोने में ही भुगतान किया जाना है, तो बैंक 302 ग्राम सोने और 0.86 ग्राम रुपये के बराबर राशि का भुगतान कर सकता है। यह ध्यान दिया जाए है कि जमा पर ब्याज की गणना जमा के समय सोने के मूल्य पर भारतीय रुपये में की जाएगी।

19. प्रश्न: क्या बैंकों के लिए मध्यम और दीर्घकालिक जमा योजनाओं के अंतर्गत एकत्रित सोने की नीलामी में भाग लेना अनिवार्य है?

उत्तर: जी नहीं।

20. प्रश्न: क्या कोई जमाकर्ता इस योजना के अंतर्गत की गई जमा की संपार्श्विक राशि के बदले रुपी ऋण ले सकता है?

उत्तर: जी हाँ। जीएमएस के अंतर्गत बैंकों द्वारा जारी जमा प्रमाणपत्रों के संपार्श्विक पर रुपी ऋण का लाभ लिया जा सकता है।

21. प्रश्न: क्या बैंक जीएमएस के संचालन से उत्पन्न होने वाले अपने सोने के एक्सपोजर (जोखिम) को हेज कर सकते हैं?

उत्तर: जी हाँ।

22. प्रश्न: क्या जीएमएस के तहत जुटाए गए सोने को इंटरबैंक उधार की अनुमति है?

उत्तर: जी हाँ। नामित बैंकों को इस योजना के तहत जुटाए गए सोने को अन्य नामित बैंकों की योजना के तहत निर्धारित समान उपयोगिता के लिए उधार देने की अनुमति है।


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