भारतीय रिज़र्व बैंक
(वित्तीय बाज़ार विनियमन विभाग)
केन्द्रीय कार्यालय
अधिसूचना
मुम्बई, 13 अक्टूबर, 2021
विदेशी मुद्रा प्रबंधन (ऋण लिखत) (प्रथम संशोधन) विनियमावली, 2021
सं.फेमा.396(1)/2021-आरबी. — विदेशी मुद्रा विनियमन प्रबंधन अधिनियम, 1999 (सन 1999 का 42) की धारा 6 की उप-धारा (2) के खंड (ए) और धारा 47 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, भारतीय रिज़र्व बैंक एतदद्वारा विदेशी मुद्रा प्रबंधन (ऋण लिखत) विनियमावली, 2019 (अधिसूचना सं. फेमा. 396/2019–आरबी दिनांक 17 अक्तूबर 2019) (इसके बाद 'प्रधान विनियमावली' के रूप में उल्लिखित) में निम्नलिखित संशोधन करता है, यथा–
1. लघु शीर्षक और प्रवर्तन
(i) इन विनियमों को विदेशी मुद्रा प्रबंधन (ऋण लिखत) (प्रथम संशोधन) विनियमावली, 2021 कहा जाएगा।
(ii) ये विनियम शासकीय गजट में प्रकाशन की तारीख से प्रभावी होंगे।
2. विनियम 2 में संशोधन
(i) प्रधान विनियमावली के विनियम 2 में खंड (i) के बाद निम्नलिखित नया खंड संनिविष्ट किया जाएगा:
"(आईए) "अवसंरचना निवेश ट्रस्ट" अथवा "आईएनवीआईटी" का आशय है ऐसा कारोबारी ट्रस्ट जिसकी परिभाषा आयकर अधिनियम, 1961 के खंड 13ए की धारा 2 में दी गई है।"
(ii) प्रधान विनियमावली के विनियम 2, में खंड (क्यू) के बाद, निम्नलिखित नए खंड को संनिविष्ट किया जाएगा:-
"(क्यूए) "भू सम्पदा निवेश ट्रस्ट" अथवा "आरईआईटी" का आशय है ऐसा कारोबारी ट्रस्ट जिसकी परिभाषा आयकर अधिनियम, 1961 के खंड 13ए की धारा 2 में दी गई है।"
3. अनुसूची 1 में संशोधन
(i) प्रधान विनियम की अनुसूची 1 के अनुच्छेद 1 के उप-अनुच्छेद ए में, खंड (के) के बाद, निम्नलिखित नए खंड को संनिविष्ट किया जाएगा: -
"(l) ऋण प्रतिभूतियां जो (i) आईएनवीआईटी और (ii) आरईआईटी द्वारा जारी की गई हैं।"
डिम्पल भांडिया,
मुख्य महाप्रबंधक
फुट-नोट:- प्रधान विनियमावली को 17 अक्तूबर 2019 के जी.एस.आर. सं.796(ई) के माध्यम से शासकीय राजपत्र के द्वितीय भाग, खंड 3, उप-खंड (i) में प्रकाशित किया गया था।
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