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विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम


विदेशी मुद्रा प्रबंधन (ऋण लिखत) (तीसरा संशोधन) विनियमावली, 2024

भारतीय रिज़र्व बैंक
(वित्तीय बाज़ार विनियमन विभाग)
(केन्द्रीय कार्यालय)
अधिसूचना

मुंबई, 02 अगस्त, 2024

विदेशी मुद्रा प्रबंधन (ऋण लिखत) (तीसरा संशोधन) विनियमावली, 2024

सं.फेमा.396(3)/2024-आरबी. — विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 6 की उप-धारा (2) के खंड (ए) और धारा 47 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, भारतीय रिज़र्व बैंक विदेशी मुद्रा प्रबंधन (ऋण लिखत) विनियमावली, 2019 (अधिसूचना सं फेमा.396/2019-आरबी दिनांक 17 अक्टूबर, 2019) (इसके पश्चात इसे 'मूल विनियमावली' कहा गया है) में निम्नानुसार संशोधन करता है, अर्थात्: –

1. लघु शीर्षक और प्रवर्तन

(i) इन विनियमों को विदेशी मुद्रा प्रबंधन (ऋण लिखत) (तीसरा संशोधन) विनियमावली, 2024 कहे जाएंगे।

(ii) ये विनियम शासकीय राजपत्र में प्रकाशन की तारीख से प्रभावी होंगे।

2. मूल विनियमावली की अनुसूची 1 में संशोधन

(i) मूल विनियमावली की अनुसूची 1 के पैराग्राफ 1 में, उप-पैराग्राफ 'ई' के बाद, निम्नलिखित नया उप- पैराग्राफ अंतःस्थापित किया जाएगा:-

"एफ. भारत में अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवाएँ केंद्र (आईएफएससी) में राष्ट्रिक हरित बॉण्ड खरीदने के लिए भारत के बाहर के निवासी व्यक्तियों को अनुमति

(1) भारत के बाहर के निवासी व्यक्ति जो भारत में आईएफएससी में डेपोजिटरी में प्रतिभूति खाता रखते हैं, रिज़र्व बैंक द्वारा निर्दिष्ट नियमों और शर्तों के अनुसार राष्ट्रिक हरित बॉन्ड की खरीद या बिक्री कर सकते हैं।"

(ii) मूल विनियमावली की अनुसूची 1 के पैराग्राफ 2 में, खंड (4ए) के बाद निम्नलिखित नया खंड अंतःस्थापित किया जाएगा:-

"(4बी) इस अनुसूची के पैराग्राफ 1 के उप-पैराग्राफ (एफ) के अनुसार भारत के बाहर के निवासी व्यक्तियों द्वारा भारत सरकार द्वारा जारी राष्ट्रिक हरित बॉन्ड की खरीद के लिए प्रतिफल की राशि का भुगतान बैंकिंग चैनलों के माध्यम से विदेश से आवक विप्रेषण में से या रिज़र्व बैंक और/ या अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवाएँ केंद्र प्राधिकार द्वारा जारी विनियमनों के अनुसार अनुरक्षित विदेशी मुद्रा खाते में धारित निधियों में से किया जाएगा।"

(iii) मूल विनियमावली की अनुसूची 1 के पैराग्राफ 4 में, खंड (2 ए) के बाद निम्नलिखित नया खंड अंतःस्थापित किया जाएगा:-

"(2 बी) इस अनुसूची के पैराग्राफ 1 के उप-पैराग्राफ (एफ) के अनुसार भारत के बाहर के निवासी व्यक्तियों द्वारा धारित लिखतों की बिक्री/परिपक्वता लाभ (निवल कर, यथा लागू हो) को भारत के बाहर विप्रेषित किया जाएगा।"

(डिम्पल भांडिया)
मुख्य महाप्रबंधक

फुटनोट:- मूल विनियमावली शासकीय राजपत्र में दिनांक 17 अक्टूबर, 2019 को जी.एस.आर. सं. 796 (ई) के तहत भाग II, धारा 3, उप-धारा (i) में प्रकाशित किया गया था और निम्नानुसार संशोधित किया गया:

1. अधिसूचना सं. फेमा 396 (1)/2021-आरबी [विदेशी मुद्रा प्रबंधन (ऋण लिखत) (प्रथम संशोधन) विनियमावली, 2021] दिनांक 13 अक्टूबर, 2021 को भारत के राजपत्र [असाधारण, भाग III-धारा 4] में, राजपत्र आईडी सीजी-एमएच-ई-21102021-230591 दिनांक 21.10.2021 के माध्यम से प्रकाशित।

2. अधिसूचना सं. फेमा 396 (2)/2023-आरबी [विदेशी मुद्रा प्रबंधन (ऋण लिखत) (द्वितीय संशोधन) विनियमावली, 2023] दिनांक 16 अक्टूबर, 2023 को भारत के राजपत्र [असाधारण, भाग III-धारा 4] में, राजपत्र आईडी सीजी-डीएल-ई-21102023-249619 दिनांक 20.10.2023 के माध्यम से प्रकाशित।

असाधारण, भाग III-धारा 4] में, राजपत्र आईडी सीजी-एमएच-ई-10082024-256254, दिनांक 07.08.2024 के माध्यम से प्रकाशित किया गया

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