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भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि मेट्टुपालयम को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक लिमिटेड, तमिल नाडु पर मौद्रिक दंड लगाया

13 नवंबर 2025

भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि मेट्टुपालयम को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक लिमिटेड, तमिल नाडु
पर मौद्रिक दंड लगाया

भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 11 नवंबर 2025 के आदेश द्वारा दि मेट्टुपालयम को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक लिमिटेड, तमिल नाडु (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘निदेशकों, उनके रिश्तेदारों और उन फर्मों/संस्थाओं को ऋण और अग्रिम जिनमें वे रुचि रखते हैं’ और ‘एक्सपोज़र मानदंड और सांविधिक /अन्य प्रतिबंध – यूसीबी’ संबंधी कतिपय निदेशों के अननुपालन के लिए 1.50 लाख (एक लाख पचास हज़ार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।

31 मार्च 2025 को बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा बैंक का सांविधिक निरीक्षण किया गया। आरबीआई निदेशों के अननुपालन के पर्यवेक्षी निष्कर्षों और उससे संबंधित पत्राचार के आधार पर, बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उससे यह पूछा गया कि वह कारण बताए कि उक्त निदेशों के अनुपालन में विफलता के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए। नोटिस पर बैंक के उत्तर, व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान की गई मौखिक प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद, भारतीय रिज़र्व बैंक ने, अन्य बातों के साथ-साथ, यह पाया कि बैंक के विरुद्ध निम्नलिखित आरोप सिद्ध हुए हैं, जिसके लिए मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है:

बैंक ने:

i) निदेशक संबंधी ऋण स्वीकृत किए; और

ii) नाममात्र सदस्यों को निर्धारित विनियामक सीमा से अधिक ऋण स्वीकृत किए।

यह कार्रवाई, विनियामकीय अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या करार की वैधता पर सवाल करना नहीं है। इसके अलावा, इस मौद्रिक दंड को लगाने से भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा बैंक के विरुद्ध की जाने वाली किसी भी अन्य कार्रवाई पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा।

(ब्रिज राज)   
मुख्य महाप्रबंधक

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