14 नवंबर 2025
भारतीय रिज़र्व बैंक ने तमिलनाड मर्केंटाइल बैंक लिमिटेड
पर मौद्रिक दंड लगाया
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 13 नवंबर 2025 के आदेश द्वारा तमिलनाड मर्केंटाइल बैंक लिमिटेड
(बैंक) पर भुगतान और निपटान प्रणाली अधिनियम, 2007 (पीएसएस अधिनियम) की धारा 10 ए और बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (बीआर अधिनियम) की धारा 26 ए के प्रावधानों का उल्लंघन करने के लिए ₹39.60 लाख (उनतीस लाख साठ हज़ार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, पीएसएस अधिनियम की धारा 26(6) के साथ पठित धारा 30(1) तथा बीआर अधिनियम की धारा 46(4)(i) के साथ धारा 47ए(1)(सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
31 मार्च 2024 को बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा बैंक का पर्यवेक्षी मूल्यांकन के लिए सांविधिक निरीक्षण (आईएसई 2024) किया गया। पीएसएस अधिनियम और बीआर अधिनियम के प्रावधानों के उल्लंघन के पर्यवेक्षी निष्कर्षों और उससे संबंधित पत्राचार के आधार पर, बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उससे यह पूछा गया कि वह कारण बताए कि उक्त अधिनियमों के प्रावधानों के उल्लंघन के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए।
नोटिस पर बैंक के उत्तर, उनके द्वारा की गई अतिरिक्त प्रस्तुतियों और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान की गई मौखिक प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद, भारतीय रिज़र्व बैंक ने यह पाया कि बैंक के विरुद्ध निम्नलिखित आरोप सिद्ध हुए हैं, जिसके लिए मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है:
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बैंक ने एकीकृत भुगतान इंटरफेस (यूपीआई) का उपयोग करके भुगतान करने पर सामान्य बचत बैंक जमा (बीएसबीडी) खाता धारकों पर अप्रत्यक्ष रूप से प्रभार लगाया था; और
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बैंक ने निर्धारित अवधि के भीतर जमाकर्ता शिक्षा और जागरूकता निधि में पात्र राशि अंतरित नहीं की थी।
यह कार्रवाई, विनियामकीय अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या करार की वैधता पर सवाल करना नहीं है। इसके अलावा, इस मौद्रिक दंड को लगाने से भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा बैंक के विरुद्ध की जाने वाली किसी भी अन्य कार्रवाई पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा।
(ब्रिज राज)
मुख्य महाप्रबंधक
प्रेस प्रकाशनी: 2025-2026/1509 |