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अधिसूचनाएं

सोने और चाँदी के संपार्श्विक प्रतिभूति पर ऋण – कृषि और एमएसएमई ऋणों के लिए संपार्श्विक प्रतिभूति के रूप में सोने और चाँदी को स्‍वैच्छिक रूप से गिरवी रखना

आरबीआई/2025-26/66
वि.स.वि.वि.केंका.एफएसडी.बीसी.सं.8/05.05.010/2025-26

11 जुलाई 2025

अध्‍यक्ष / प्रबंध निदेशक / मुख्‍य कार्यपालक अधिकारी
सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक
(क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों और लघु वित्‍तीय बैंकों सहित)
सभी राज्‍य सहकारी बैंक और जि़ला मध्‍यवर्ती सहकारी बैंक

महोदया/महोदय,

सोने और चाँदी के संपार्श्विक प्रतिभूति पर ऋण – कृषि और एमएसएमई ऋणों के लिए संपार्श्विक प्रतिभूति के रूप में सोने और चाँदी को स्‍वैच्छिक रूप से गिरवी रखना

कृपया हमारे कृषि हेतु ऋण प्रवाह – संपार्श्विक मुक्त कृषि ऋण पर दिनांक 06 दिसंबर 2024 के परिपत्र विसविवि.केंका.एफ़एसडी.बीसी.सं.10/05.05.010/2024-25 तथा सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) क्षेत्र को उधार पर दिनांक 24 जुलाई 2017 के मास्‍टर निदेश विसविवि.एमएसएमई एंड एनएफएस.12/06.02.31/2017-18 (11 जून 2024 की स्थिति के अनुसार अद्यतन)1 के पैरा 4.1 का संदर्भ लें।

2. कृपया दिनांक 6 जून 2025 के भारतीय रिज़र्व बैंक (सोने और चाँदी की संपार्श्विक प्रतिभूति पर ऋण) निदेश, 2025 का भी संदर्भ लें।

3. इस संबंध में यह स्‍पष्‍ट किया जाता है कि उधारकर्ताओं द्वारा संपार्श्विक प्रतिभूति के रूप में स्‍वेच्‍छा से गिरवी रखे गए सोने और चांदी पर बैंकों द्वारा दिए गए ऋणों, जो संपार्श्विक प्रतिभूति रहित सीमा तक स्‍वीकृत किए गए हैं और जो उक्‍त पैरा 1 में उल्लिखित परिपत्र/ मास्‍टर निदेश के अंतर्गत आते हैं, को ऐसी संपार्श्विक प्रतिभूति के संबंध में उपर्युक्‍त दिशानिर्देशों का उल्‍लंघन नहीं माना जाएगा।

भवदीय,

(आर गिरिधरन)
मुख्‍य महाप्रबंधक


1 क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों, राज्‍य सहकारी बैंकों और जि़ला मध्‍यवर्ती सहकारी बैंकों के लिए लागू नहीं

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